
नई दिल्ली। नवरात्रि (Navratri Puja) के पावन दिन चल रहे हैं। बीते 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) की शुरुआत हो गई थी। आज, शनिवार 25 मार्च को नवरात्रि का चौथा दिन (Chaitra Navratri 2023 4th Day) है। इस मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा आठ भुजाओं वाली माता हैं। इनके 7 हाथों में धनुष, बाण, कमंडल, कमल पुष्प, चक्र, अमृत पूर्ण कलश, और गदा है। तो वहीं, आठवें हाथ में निधियों से युक्त जाप माला है। मां कूष्मांडा की पूजा से व्यक्ति के ज्ञान का विकास होता है। व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। तो चलिए आपको बताते हैं कैसे करें मां कूष्मांडा की पूजा (Mata Kushmanda Ki Puja Vidhi) जिससे आपको उसका आशीर्वाद मिलेगा और क्यों हुआ था मां की जन्म…
इस तरह से करें मां कुष्मांडा की पूजा (Mata Kushmanda Ki Puja Vidhi)
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- अब स्नान आदि कर साफ-सुथरे वस्त्रों को धारण करें।
- अब मां कूष्मांडा का ध्यान करते हुए उन्हें सफेद कुम्हड़ा,अक्षत, फल, लाल पुष्प और सूखे मेवे चढ़ाएं।
- मां कुष्मांडा के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- अब मां को दही और हलवे का भोग लगाएं।
- मां का ध्यान करते हुए उन्हें धूप, गंध, दिखाकर आरती उतारें।
- अब मां को लगाए गए भोग को आप प्रसाद के रूप में बांट सकते हैं।
क्यों हुआ था मां कूष्मांडा का जन्म
पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि नवरात्रि के चौथे दिन पूजी जाने वाली मां कूष्मांडा का जन्म दैत्यों का संहार के लिए हुआ था। मां शेर की सवारी करती हैं। कुम्हड़े का कूष्माण्ड कहते हैं यही वजह है कि मां को कूष्मांडा कहा जाता है। मां की सच्चे मन और नियमानुसार पूजा करने पर व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है। मां अपने भक्तों द्वारा लगाए गए भोग को प्यार से स्वीकार कर लेती है और अपना आशीर्वाद देती है। ऐसे में नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा जरूर करें।