नई दिल्ली। कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के नाम से जानी जाती हैं और जो चतुर्थी शुक्ल पक्ष में पड़ती है उन्हें विनायक चतुर्थी कहा जाता है। चतुर्थी तिथि शिव-पार्वती पुत्र और प्रथम पूजनिय भगवान गणेश को समर्पित है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि बप्पा अपनी कृपा से व्यक्ति के सभी विघ्नों (दुखों और संकटों) को हर लेते हैं। वैसे तो बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा पाठ के लिए निर्धारित है लेकिन चतुर्थी के दिन भी बप्पा की सच्चे मन से आराधना करने पर भक्तों पर वो अपनी असीम कृपा बरसाते हैं। बप्पा की कृपा से भक्तों के ना सिर्फ संकट दूर होते हैं बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती है। चलिए जानते हैं किस तारीख को है संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2023) और कैसे करनी है इस दिन पूजा…
कब है संकष्टी चतुर्थी 2023
इस साल 2023 में कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी एक दिन बाद यानी 9 फरवरी 2023 को है। जो लोग व्रत करना चाहते हैं वो इसी दिन बप्पा के लिए व्रत करें।
संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह से करें पूजा (Ganesh Ji ki Puja Vidhi)
संकष्टी चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठे.
स्नान करने के बाद नए वस्त्रों को धारण करें, नए वस्त्र न हो तो आप साफ, धुले वस्त्रों को ही धारण करें।
गणेश जी को लाल रंग प्रिय है ऐसे में आप इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करेंगे तो शुभ रहेगा.
अब आप घर में या फिर किसी गणेश मंदिर में जाएं.
बप्पा का अभिषेक करने के बाद उन्हें लाल वस्त्र और लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
अब चंदन का तिलक, जनेऊ, सुपारी, पान और मौली अर्पित करें.
बप्पा को मोदक और लड्डू काफी प्रिय होते हैं ऐसे में उन्हें मोदक या फिर बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं.
इसके बाद गणेश मंत्र का जाप करें.
इस विधि से पूजा करने पर आपको बप्पा का आशीर्वाद मिलेगा.