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Saphala Ekadashi 2024: कब है सफला एकादशी, जानें क्यों इस दिन होती है भगवान अच्युत की पूजा

Saphala Ekadashi 2024: सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा-धोकर तैयार हो जाए। जिसके बाद भगवान के सामने बैठकर व्रत का संकल्प ले और पूजा शुरू करें।

नई दिल्ली। हर साल 24 एकादशी आती है और जनवरी 2024 में पहली एकादशी 7 जनवरी को पड़ने वाली है। इस एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जानते हैं। हर साल सफला एकादशी पौष माह की कृष्ण पक्ष को मनाई जाती है। सफला एकादशी की मान्यता है कि जो भी इस एकादशी का व्रत पूरे नियम के साथ करता है, उसके सारे काम सफल होते हैं, इसलिए इसे सफला एकादशी 2024 के नाम से जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और पारण का समय क्या है।

शुभ मुहूर्त और कब करें पारण

पौष माह की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं।इस बार सफला एकादशी 7 जनवरी 2024 को पड़ने वाली है। इस दिन  भगवान अच्युत की पूजा होती है, जो भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। शुभ मुहूर्त की बात करें तो 07 जनवरी को देर रात 12 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 08 जनवरी को देर रात 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा, जबकि पारण का समय 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट कर रहेगा।

सफला एकादशी की पूजा विधि

सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा-धोकर तैयार हो जाए। जिसके बाद भगवान के सामने बैठकर व्रत का संकल्प ले और पूजा शुरू करें। पूजा में भगवान को पंचामृत,फल, फूल, सुपारी, लौंग का इस्तेमाल जरूर करें। भगवान विष्णु को आंवला प्रिय होता है, अगर हो सके तो आंवला भी जरूर चढ़ाएं। इस दिन भगवान अच्युत की पूजा-अर्चना होती हैं, जो भगवान विष्णु के 1000वें अवतार हैं। दिन में कथा सुनना न भूलें और रात को हरि का नाम लेकर जाप जरूर करें। कुछ खाना चाहें तो फलाहार कर सकते हैं। वैसे तो हर एकादशी पर दान का महत्व होता है लेकिन आप सफला एकादशी के अगले दिन ब्राह्मणों को खाना खिला सकते हैं या गरीबों को अन्न का दान कर सकते हैं।