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Raksha Bandhan 2022: भाई की कलाई पर बहनें इस तरह से बांधेंगी राखी तो होगा सब शुभ-शुभ, जानिए कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan 2022: पूर्णिमा तिथि दो दिन होने से लोग असमंजस में पड़ गए हैं कि ये त्योहार आखिर मनाना कब है। तो आइये जानते हैं इस विषय में ज्योतिषाचार्यों का क्या कहना है। सावन मास की पूर्णिमा इस वर्ष 11 अगस्त के दिन 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

नई दिल्ली। इस समय अगस्त का महीना चल रहा है और ये माह त्योहारों से पूरा भरा पड़ा है। अगस्त के महीने में ही जन्माष्टमी का पर्व पड़ेगा और रक्षाबंधन का त्योहार भी इसी माह आएगा। भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला ये त्योहार हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस बार ये तिथि दो दिन पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि दो दिन होने से लोग असमंजस में पड़ गए हैं कि ये त्योहार आखिर मनाना कब है? तो आइये जानते हैं, इस विषय में ज्योतिषाचार्यों का क्या कहना है… सावन मास की पूर्णिमा इस वर्ष 11 अगस्त के दिन 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

भद्रा तिथि भी इसी समय से आरंभ हो रही है, जो रात में समाप्त हो जाएगी। राखी का त्योहार भद्राकाल में मनाना अशुभ माना गया है। इसलिए 11 अगस्त को प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक राखी का त्योहार मनाया जा सकता है। भद्रा तिथि समाप्त होने के बाद रात 08 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक राखी बांधी जा सकती है। लेकिन सनातन धर्म में सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। यही कारण है कि रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाया जाएगा।

राखी बांधने की विधि-

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुंह पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसके लिए बहनें सबसे पहले अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं। उसके बाद घी के दीपक से आरती उतारें, फिर उसे मिठाई खिलाकर भाई के दाहिनी कलाई पर राखी बांधें।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।