नई दिल्ली। फाल्गुन का पवित्र महीना चल रहा है। इस माह में मासिक कालाष्टमी, विजया एकादशी, शनि प्रदोष और महाशिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण और खास व्रत पड़ते हैं। सीता अष्टमी (Sita Ashtami 2023) भी इसी फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल सीता अष्टमी (Sita Ashtami) आज यानी 14 फरवरी 2023, मंगलवार को मनाई जा रही है। इसे कई जगहों पर जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं की मानें तो फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं प्रभु श्री राम की पत्नी मां सीता प्रकट हुई थीं। ऐसे में इस दिन माता सीता की तो पूजा की जाती ही है साथ ही भगवान राम की भी पूजा का विधान है। तो चलिए जानते हैं क्या है सीता अष्टमी पर शुभ मुहूर्त और आपको किस तरह से पूजा करनी चाहिए ताकि आपको श्रीराम और माता सीता की कृपा मिले…
सीता अष्टमी 2023 मुहूर्त
फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत एक दिन पहले यानी 13 फरवरी को सुबह 8:15 से शुरू हो चुकी है जो कि अगले दिन 14 फरवरी सुबह 7:40 पर खत्म हो रही है। उदया तिथि के हिसाब से जानकी जयंती 14 फरवरी को मनाई जाएगी और इसी दिन पूजा पाठ भी किया जाएगा।
इस तरह से करें पूजा-पाठ
- सीता अष्टमी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठे, स्नान आदि करें.
- महिलाओं के लिए ये व्रत काफी खास होता है ऐसे में जो सुहागिन महिलाएं हैं वो इसे जरूर करें.
- हर पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है ऐसे में भगवान गणपति और माता दुर्गा की पूजा करने के बाद ही माता सीता और राम जी की पूजा शुरू करें.
- माता सीता को पूजा करते हुए पीले रंग के फूल, फल, पीले वस्त्र, पीले रंग की चीजों का भोग लगाएं। माता सीता सुहागिन हैं ऐसे में उन्हें श्रृंगार का सामान भी चढ़ाएं.
- इसके बाद माता सीता की आरती करें और 108 बार “श्री जानकी रामाभ्यां नमः” मंत्र का जाप करें।
- इस दिन दान करना भी शुभ होता है ऐसे में अपने सामर्थ के अनुसार कुछ न कुछ दान जरूर करें।
- जिन लोगों ने व्रत रखा हुआ है उन लोगों को शाम को पूजा के बाद ही अपना व्रत खोलना चाहिए.