newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Geeta Jayanti 2022: 3 दिसंबर को गीता जयंती का पर्व, जानिए क्या है इसका महत्व?

Geeta Jayanti 2022: यह हिंदू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक है। सनातन धर्म में गीता जयंती का काफी महत्व होता है। महाभारत युद्ध के पहले इसी श्री कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। आइए हम आपको बताते है गीता जयंती क्या है और क्यों हिंदू धर्म में इसका महत्व है-

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर दिन कोई ना कोई त्योहार होता है, और हर त्योहार की अपनी एक मान्यता होती है और हर त्योहार को हिंदू धर्म में उतने ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल मार्ग शीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है। यह हिंदू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक है। सनातन धर्म में गीता जयंती का काफी महत्व होता है। महाभारत युद्ध के पहले इसी श्री कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। आइए हम आपको बताते है गीता जयंती क्या है और क्यों हिंदू धर्म में इसका महत्व है-

श्रीमद्भागवत गीता का पाठ शुभ

मान्यता के अनुसार श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। गीता का पाठ करने वाले व्यक्ति के जीवन में सभी तरह की परेशानियों से उसे छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। हिंदू धर्म में गीता के पाठ को काफी शुभ बताया गया है। श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्यायों में कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग का उपदेश है।

श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने का महत्व

हिंदू धर्म में चार वेद है, जो कि ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद हैं। इन चारों वेद का सार गीता में हैं। इसी कारण गीता को हिंदुओं का सर्वमान्य एकमात्र धर्मग्रंथ माना गया है और हिंदुओं के लिए गीता का काफी महत्व भी है। पूरे विश्व में गीता ही एक मात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता का पाठ करने से व्यक्ति का जीवन की वास्तविकता से परिचय होता है और व्यक्ति बिना फल के ही बस कर्म करता रहता है। गीता हमें अच्छे, बुरे का फर्क समझाती है। जीवन में आने वाली समस्याओं से लड़ने की भी प्रेरणा हमें गीता से मिलता है।