
नई दिल्ली। नए साल 2023 में पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) एक दिन बाद यानी 4 जनवरी 2023 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat 2023) में भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। इस व्रत को वैवाहिक सुख, संतान की दीर्घायु के लिए भी किया जाता है। जो लोग कालसर्प दोष या ग्रह दोष का सामना कर रहे हैं उन्हें इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ ही व्रत को भी रखना चाहिए। प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से व्यक्ति को शिव जी की खास कृपा मिलती है साथ ही हर इच्छा भी पूरी होती है। चलिए आपको बताते हैं प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और किस तरह से आपको पूजा करनी है ताकी भोलेनाथ आपकी सारी इच्छाओं को पूरा करे।
बुध प्रदोष पर इस मुहूर्त में करें पूजा
पंचांग के मुताबिक, 3 जनवरी की रात 10 बजकर 1 मिनट से पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है जो अगले दिन 4 जनवरी बुधवार को रात 12:00 बजे तक रहेगी। प्रदोष व्रत जो रखने जा रहे हैं वो 4 जनवरी को ही इसका व्रत करें।
बुध प्रदोष पर इस तरह से करें पूजा
- पहले प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। अब साफ वस्त्रों को धारण करें।
- अब एक चौकी रखें और उसपर भगवान शिव-माता पार्वती का चित्र रखें। आप चाहें तो कोई मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं।
- अब षोडशोपचार पूजन करें (षोडशोपचार पूजन का अर्थ होता है कि इष्ट देवता को अपने पास लाने के लिए आवाहन करना)।
- शाम के समय दोबारा स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा करें।
- अब गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का आपको अभिषेक करना है।
- अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग चढ़ाएं।
- अब विधि विधान के साथ शिव की पूजा और आरती करें।