
नई दिल्ली। आज सावन महीने का चौथा और अंतिम सोमवार है, जिसकी वजह से सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का ताँता लगा हुआ है। उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु देर रात से कतार में लगे हुए नजर आए। तड़के 2.30 बजे उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर के पट खोले गए और उसके बाद भस्मारती की शुरूआत हुई। इस भव्य भस्म आरती के दर्शन करने दूर-दराज से आए श्रद्धालु दरबार में उपस्थित हुए। कहा जाता है भगवान शिव को समर्पित इस महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। बाबा महाकाल की भस्मारती से पहले बाबा को जल से नहला गया। उसके बाद दूध, दही, घी, शहद और फलों के रसों से बने महा पंचामृत से उनका अभिषेक किया गया। अभिषेक करने के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक और भव्य श्रंगार कर उन्हें वस्त्र धारण कराये गए।
बाबा का श्रंगार करने के बाद उन्हें भस्म चढ़ाकर झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद आदि के साथ उनकी आरती की गई। सावन-भादो के महीने में पड़ने वाले सोमवार के दिन बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इसलिए आज शाम धूमधाम से बाबा की सवारी भी निकाली जाएगी। कहा जाता है कि अपनी प्रजा का हाल हाल जानने के लिए सवारी के रूप में राजा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। सवारी निकलने के रास्ते पर भक्तों की भारी भीड़ सड़क को दोनों ओर से घेरे उनका इंतजार करती दिखाई पड़ती है।
महाकाल की एक झलक पाकर शिवभक्त अपने आप को धन्य मानते हैं। बाबा महाकाल की इस भव्य आरती में कवि कुमार विश्वास भी परिवार समेत शामिल हुए। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘ये पुण्यों का फल ही है जो आज मैं परिवार के साथ इस महाआरती में शामिल हो सका।‘ गौरतलब है कि सावन रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। लेकिन सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण बाबा महाकाल की इस भव्य आरती का आयोजन किया गया।