
नई दिल्ली। देश भर में मां दुर्गा के आगमन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कल से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। जगह-जगह माता का पंडाल सजाया जा रहा है। माता के मंदिरों में भव्य सजावट की जा रही है। कोरोना महामारी के चलते दो सालों से दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन नहीं हो सका था। यही कारण है कि इस बार इसे पहले से अधिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है। इसमें नवमी और दशमी एक ही दिन मनाई जाएगी। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जो 26 सितंबर को पड़ रही है। इस बार प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग की व्याप्ति न होने की वजह से दिन भर कलश की स्थापना की जा सकती है। इसके अलावा, कहा जा रहा है कि इस बार मातारानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।
मां जगदम्बा प्रस्थान भी हाथी पर सवार होकर ही करेंगी। अबकि हाथी मां दुर्गा का वाहन बना है इसलिए इस बार की नवरात्रि काफी विशेष मानी जा रही है। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना सुख और समृद्धि आने का संकेत बताया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिन की पड़ेगी, इसमें किसी भी तिथि का क्षय नहीं होगा। हालांकि, नवमी 4 अक्टूबर की दोपहर 1.30 बजे तक ही मनाई जाएगी। उसके बाद फिर कालिक दशमी तिथि लग जाएगी। दशहरा भी इसी दिन मनाया जाएगा। कुछ स्थानों पर दशहरे के साथ-साथ नीलकंठ दर्शन, शमी पूजन, अपराजिता पूजन आदि धार्मिक आयोजन भी किए जाते हैं।
अष्टमी का व्रत रखने वालों के लिए उतरती का व्रत तीन अक्टूबर को पड़ेगा। चार अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे तक दुर्गा पाठ हवन पूजन, कन्या पूजन और व्रत का पारण किया जाएगा।
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