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Shardiya Navratri 2023 Maha Ashtami: आज है महाष्टमी का दिन, जानें कन्या पूजन के मुहूर्त से लेकर पूजन विधि तक विस्तार में

Shardiya Navratri 2023 Maha Ashtami: नवरात्रि में अष्टमी और नवमी इन दो तिथियों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की उपासना की जाती है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने की परंपरा  बेहद प्रचलित है।

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्र का बहुत ही विशेष महत्व है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर, रविवार से हुई थी। इस साल की ये शारदीय नवरात्रि बेहद खास थी क्योंकि इसकी शुरुआत से ठीक एक दिन पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगा था। जैसा की आप जानते है हमारे देश में नवरात्रि के त्यौहार को बड़े ही धूम-धाम से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। देश के अलग-अलग जगहों में इसे अलग-अलग तरीके और विधि के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों ता देवी दुर्गा की उपासना की जाती है और इसके दशवें दिन दशहरा या विजयदशमी का उत्सव मनाया जाता है। लेकिन नवरात्रि में अष्टमी और नवमी इन दो तिथियों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की उपासना की जाती है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने की परंपरा  बेहद प्रचलित है।

महाअष्टमी शुभ मुहूर्त (Mahashtami 2023 Shubh Muhurat) 

महाअष्टमी को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर यानी कल रात 9 बजकर 53 मिनट पर शुरू हो चुकी है और अष्टमी तिथि का समापन 22 अक्टूबर यानी आज रात 7 बजकर 58 मिनट पर होगा। दुर्गाअष्टमी के दिन कन्या पूजन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

कन्या पूजन मुहूर्त (Mahashtami 2023 Kanya Pujan Muhurat)

22 अक्टूबर यानि दुर्गाअष्टमी को कन्या पूजन के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिसमें से एक मुहूर्त सुबह 7 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। उसके बाद सुबह 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इन दोनों ही मुहूर्तों में आज के दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ है। वहीं आज के दिन एक स्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जिसका समय सुबह 6 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 44 मिनट तक है, इस दौरान आप कभी भी कन्या पूजन कर सकते हैं।

महाअष्टमी कन्या पूजन की विधि (Mahashtami 2023 Kanya Pujan Vidhi) 

महाअष्टमी या दुर्गाअष्टमी के अवसर पर कन्या भोज के लिए सभी कन्याओं को एक दिन पहले आमंत्रित किया जाता है। जब ये कन्याएं आपके घर आएं तो दरवाजे पर इनका फूलों से स्वागत क। फिर इन्हें किसी साफ़-स्वच्छ स्थान पर बिठाएं, अब दूध से भरे थाल या थाली में इन कन्याओं का पैर अपने हाथ से धोएं। इसके बाद इनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। अब इनके माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं, फिर मां भगवती का ध्यान करके देवी रूपी कन्याओं को इच्छानुसार भोजन कराएं। अपने सामर्थ्य अनुसार सभी कन्याओं को भेंट दें। आप नौ कन्याओं के बीच किसी बालक को कालभैरव के रूप में भी बिठा सकते हैं।