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वरलक्ष्मी व्रत आज, जानें पूजा का शुभ और महत्व

हिन्दू पंचांग के अनुसार आज वरलक्ष्मी का व्रत है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और सावन के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत होता है।

नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार आज वरलक्ष्मी का व्रत है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और सावन के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत होता है। माता वरलक्ष्मी मां महालक्ष्मी का एक स्वरूप हैं। माता वरलक्ष्मी समस्त कामनाओं की पूति करती हैं और अपने भक्तों को वर देती हैं।

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आज के दिन माता वरलक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति पर उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है। आइए जानते हैं कि माता वरलक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, और पारण का समय क्या है।

वरलक्ष्मी व्रत मुहूर्त

वरलक्ष्मी पूजा के लिए हम आपको चार लग्न की पूजा मुहूर्त बता रहे हैं-

1.सिंह लग्न पूजा का समय: सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दिन में 09 बजकर 17 मिनट तक।

2.वृश्चिक लग्न पूजा का समय: दोपहर के समय 01 बजकर 53 मिनट से दिन में 04 बजकर 11 मिनट तक।

3.कुम्भ लग्न पूजा का समय: शाम के समय 07 बजकर 57 मिनट से रात में 09 बजकर 25 मिनट तक।

4.वृषभ लग्न पूजा का समय: देर रात 12 बजकर 25 मिनट से 01 अगस्त के तड़के 02 बजकर 21 मिनट तक।

वरलक्ष्मी व्रत का पंचांग

सूर्योदय काल: सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर और सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 13 मिनट पर।

चांद के उदय का समय: शाम को 04 बजकर 36 मिनट पर और चांद के अस्त होने का समय 01 अगस्त को तड़के 03 बजकर 09 मिनट पर।

वरलक्ष्मी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वरलक्ष्मी व्रत का महत्व दीपावली की पूजा के समान ही होता है। इस दिन माता वरलक्ष्मी और विघ्नहर्ता श्री गणेश की आराधना से कल्याण होता है। माता वरलक्ष्मी दरिद्रता का नाश करती हैं और गणपति कार्यों को सफल बनाते हैं।