नई दिल्ली। हिंदू धर्म अनेक रीति-रिवाजों, त्योहारों से भरा हुआ है। एक त्यौहार के बाद दूसरों लगातार आते रहते हैं। जून के महीने की शुरुआत हो चुकी है। अब एक दिन बाद यानी 3 जून को वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। ये व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि अगर सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखें और बरगद के पेड़ की पूजा करें तो उनके पति की आयु में वृद्धि होती है। यही वजह है कि सुहागिन महिलाएं इस दिन का खास इंतजार करती है। इस साल जेष्ठ माह की वट सावित्री व्रत काफी खास है क्योंकि इस दिन कुछ खास योग भी बन रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस साल वट सावित्री व्रत पर कौन से खास योग बन रहे हैं और आपको इस दिन पूजा किस तरह से करनी है ताकि आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो…
वट सावित्री व्रत पर बन रहे हैं ये तीन शुभ योग
वट सावित्री व्रत पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योग की वजह से वट सावित्री व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इन तीन शुभ योग में शिव योग, रवि योग और सिद्धि योग बन रहे हैं। चलिए अब आपको इन शुभ योग का समय भी बताते हैं।
शिव योग का समय- 2 जून 2023 को शाम 5 बजकर 10 मिनट से 3 जून को दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
रवि योग का समय- 3 जून को सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक.
सिद्ध योग का समय- 3 जून को दोपहर 2 बजकर 48 मिनट से 4 जून को सुबह 11 बजकर 59 मिनट तक.
इस तरह से करें वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पर पूजा
वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर सावित्री और सत्यवान के अलावा मृत्यु के देवता यमराज की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करके पूजा करें। रोली-मोली, कच्चा सूत, भीगा चना, फूल-धूप आदि से पूजा कर, जल से वृक्ष को सीचें। तीन बार परिक्रमा करते हुए तने के चारों और कच्चा सूत लपेटें। सत्यवान सावित्री की कथा सुनें और फिर चना, गुड़ का बायना निकालकर उस पर अपनी इच्छा अनुसार पैसे रखें और अपनी सास को दे दें। अगर आपकी सास नहीं है तो आप सास के समान किसी सुहागिन महिलाओं को ये दे दें। अब उनका आशीर्वाद लें।
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