नई दिल्ली। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, साल के प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष को ‘संकष्टी चतुर्थी’ और शुक्ल पक्ष को ‘विनायक चतुर्थी’ का पर्व मनाया जाता है। दोनों ही अवसरों पर भगवान गणेश का व्रत और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन आषाढ़ माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की तिथि की विनायक चतुर्थी का काफी महत्व होता है। इस बार ये तिथि रविवार, 03 जुलाई 2022 को पड़ रही है। कहा जाता है इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का भी प्रवेश होता है। इसके अलावा, इस दिन अगर भगवान गणेश आपकी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं तो उनकी विशेष कृपा प्राप्त होने के साथ ही सारे बिगड़े और रुके हुए काम भी सफलतापूर्वक संपन्न होने लगते हैं। तो आइये आपको बताते हैं इस दिन भगवान की पूजा किस तरह से की जाए कि वो आपसे प्रसन्न हो जाएं…
विनायक चतुर्थी की तिथि और शुभ-मुहूर्त?
आषाढ़ चतुर्थी तिथि शनिवार 2 जुलाई 2022 को दोपहर 03:16 मिनट से आरंभ होकर रविवार, 3 जुलाई शाम 05:06 तक समाप्त हो जाएगी।
भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त-
3 जुलाई सुबह 11:02 से 01:49 तक।
पूजा-विधि?
- विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करते समय उन्हें चंदन-हल्दी या सिंदूर का तिलक लगाएं। ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥’ मंत्र का जाप भी करें।
- इस दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए जलाए जाने वाले दीपक में लिए घी का प्रयोग करें।
- विनायक चतुर्थी के दिन श्री गजानन को गेंदे का फूल अर्पित करें। ये उन्हें अतिप्रिय है। पूजा के बाद भगवान पर चढ़ी फूलों की माला को घर के मेन गेट पर लगा दें।
- इस दिन गणेश जी को हरे वस्त्र और 5-5 लौंग-इलायची चढ़ाते हैं, तो लव लाइफ में आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- पूजा के समय ‘वक्रतुण्ड महाकाय, सुर्यकोटि समप्रभ:। निर्विघ्नम् कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।’ मंत्र का जाप जरूर करें।