newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Vishwakarma Jayanti 2023: इस दिन होगी विश्‍वकर्मा पूजा, जान लें पूजा के लिए क्या रहेगा शुभ मुहूर्त

Vishwakarma Jayanti 2023: पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के त्रिशूल से लेकर पूरी सृष्टि का निर्माण विश्वकर्मा भगवान ने ही किया है। यहां तक की लंका का महल, द्वारका और देवताओं के अस्त्र और शस्त्र भी विश्वकर्मा भगवान ने ही बनाए हैं। इस साल विश्वकर्मा पूजा रविवार 17 सितंबर को की जानी है। चलिए जानते हैं क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्व…

नई दिल्ली। हर साल सितंबर के महीने में विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) धूमधाम के साथ की जाती है। इस पूजा में विश्वकर्मा भगवान (शिल्पकार) की पूजा की जाती है साथ ही लोहे, लक्कड़, कल पुर्जों और मशीनरी की अच्छे से साफ कर उन्हें भी पूजा जाता है। हर साल भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को इसे मनाय़ा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के त्रिशूल से लेकर पूरी सृष्टि का निर्माण विश्वकर्मा भगवान ने ही किया है। यहां तक की लंका का महल, द्वारका और देवताओं के अस्त्र और शस्त्र भी विश्वकर्मा भगवान (Vishwakarma Puja 2023) ने ही बनाए हैं। इस साल विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja 2023 Date in Hindi) रविवार 17 सितंबर को की जानी है। चलिए जानते हैं क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्व…

Vishwakarma Jayanti 2023

विश्वकर्मा पर ये है पूजा 2023 मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2023 Muhurat)

विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2023 को होनी है। इस दिन रविवार रहेगा। पूजा की शुरुआत सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर होगी जो कि दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। इस शुभ मुहूर्त पर पूजा करने पर आपको विश्वकर्मा भगवान की कृपा मिलेगी। जो लोग दोपहर में विश्वकर्मा पूजा करना चाहते हैं वो 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।

Vishwakarma Jayanti 2023

कौन हैं भगवान विश्वकर्मा?

धार्मिक शास्त्र के मुताबिक, नारायण ने सबसे पहले ब्रह्माजी और फिर विश्वकर्मा जी को बनाया था। विश्वकर्मा पूजा वैसे तो पूरे भारत में की जाती है लेकिन त्रिपुरा, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और विदेशों में इसकी खास धूम देखने को मिलती है। नेपाल में भी विश्वकर्मा पूजा का दिन धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। यही वजह है कि विश्वकर्मा जी को संसार के सबसे पहला इंजीनियर भी कहा जाता है।