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Sankashti Chaturthi 2023: पाना चाहते हैं शनिदेव और भगवान गणेश की कृपा, 11 मार्च को कर लें ये काम

Sankashti Chaturthi 2023: अब शनिवार के दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी (Chaitra Sankashti Chaturthi 2023) पड़ने की वजह से आप शनिदेव और बप्पा दोनों की ही कृपा पा सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस शनिवार क्या करना है जिससे विघ्नहर्ता गणेश और न्याय के देवता शनिदेव आप पर अपनी असीम कृपा बरसाएंगे…

नई दिल्ली। शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है। शनिदेव न्याय के देवता हैं ऐसे में कहा जाता है कि वो लोगों को उनके किए गए कर्मों के हिसाब से ही फल प्रदान करते हैं। अगर आपके कर्म अच्छे होंगे तो शनिदेव आप पर अपनी कृपा बरसाएंगे लेकिन अगर आपके क्रम बुरे हैं तो आपको उसी हिसाब से शनिदेव दंड देंगे। इस वक्त मार्च का महीना चल रहा है और एक दिन यानी 11 मार्च 2023 को शनिवार पड़ रहा है। शनिवार का दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए खास माना जाता है। हालांकि 11 मार्च के इस शनिवार को आप शनिदेव के साथ ही प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी की भी कृपा पा सकते है।

जो लोग सोच रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है तो आपको बता दें इस बार 11 मार्च 2023 का शनिवार खास है क्योंकि इस दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है। ऐसे में इस दिन की महत्ता बढ़ गई है। चतुर्थी तिथि शिव-पार्वती पुत्र गणेश जी को समर्पित है। इस दिन आप बप्पा की पूजा करके उनका आशीर्वाद पा सकते है। अब शनिवार के दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी (Chaitra Sankashti Chaturthi 2023) पड़ने की वजह से आप शनिदेव और बप्पा दोनों की ही कृपा पा सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं इस शनिवार क्या करना है जिससे विघ्नहर्ता गणेश और न्याय के देवता शनिदेव आप पर अपनी असीम कृपा बरसाएंगे…

Evening Puja Path Rules

शनिदेव  की कृपा पाने के लिए करें ये काम

11 मार्च को पड़ रहे शनिवार के दिन अगर आप शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो आप किसी शनि मंदिर में जाएं। सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करें और उनके आगे तेल का दीया जलाएं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप उनके आगे काले तिल भी अर्पित करें।

Sankashti Chaturthi 2023

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

हिन्दू धर्म में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है। हर महीने में दो चतुर्थी पड़ती है। पहली चतुर्थी कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी होती है। जो चतुर्थी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है उसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन बप्पा की सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए और बप्पा को प्रिय मोदक या लड्डू का भोग लगाना चाहिए। इससे बप्पा व्यक्ति पर अपनी कृपा बरसाते हैं।