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Weekly Vrat aur Tyohar: जानें इस हफ्ते के व्रत और त्योहार

Weekly Vrat aur Tyohar: नवंबर के महीने में काफी त्योहार और व्रत (Monthly Vrat aur Tyohar) है। अब नवंबर माह का अंत है। इस अंतिम हफ्ते में काफी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार (Weekly Vrat aur Tyohar) है। तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी जैसे बड़े त्योहार आने वाले हैं।

नई दिल्ली। नवंबर के महीने में काफी त्योहार और व्रत (Monthly Vrat aur Tyohar) है। अब नवंबर माह का अंत है। इस अंतिम हफ्ते में काफी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार (Weekly Vrat aur Tyohar) है। तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी जैसे बड़े त्योहार आने वाले हैं। आज आंवला नवमी है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। आवंला नंवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है। इसलिए इसे आवंला नवमी कहा जाता है।

amla navmi

23 नवंबर को आवंला नंवमी

आज यानी 23 नवंबर को आवंला नंवमी इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। आवंला नंवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है। इसलिए इसे आवंला नवमी कहा जाता है। इस दिन लोग काफी दान-धर्म करते हैं। इस दिन दान करने से काफी पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही जो दान करते है उसका दोगुना फल मिलता है।

25 नवंबर को तुसली विवाह

हिंदू धर्म में तुसली विवाह का खास महत्तव है। तुसली विवाह हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है। इस साल ये पर्व 25 नवंबर को पड़ रही है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। इस विवाह को कराने वाले के काफी पुण्य मिलता है। ये पुण्य उतना ही मिलता है जितना एक कन्यादान कराने पर मिलता है। बता दें कि शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का अवतार बताए जा रहे हैं।

25 नवंबर को देवउठनी एकादशी

देवउठनी एकादशी इस साल 25 नवंबर को पड़ रही है। ये कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं और सृष्टि का दायित्व संभालते हैं। देवउठनी एकादशी से चतुर्मास का समापन होता है। इस दिन भगनाव विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

27 नवंबर को शुक्र प्रदोष

इस साल शुक्र प्रदोष व्रत 27 नवंबर को पड़ रहा है। हर महीने की त्रयोदशी ति​थि को प्रदोष होता है। प्रदोष काल में इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता हे कि इस व्रत को करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है, संतान प्राप्ति तथा सुख-समृद्धि के लिए भी किया जाता है।