
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर महीने कोई न कोई व्रत या त्योहार मनाया जाता है। इस समय सितंबर का महीना चल रहा है इस अभी श्राद्ध अपने अंतिम चरण पर है। इसी महीने नवरात्रि भी पड़ेगी। लेकिन उससे पहले भगवान शंकर को समर्पित मासित शिवरात्रि आएगी, जो कल है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की उपासना करते हैं। उनका व्रत रख विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की भी पूजा करने से सर्वोत्तम फलों की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। संतान-सुख की प्राप्ति होने के साथ रोगों से भी छुटकारा मिलता है। तो आइए आपको बताते हैं कि इसके शुभ-मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में…
शुभ-मुहूर्त
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 24 सितंबर की रात 02 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है, जो रविवार, 25 सितंबर की रात 03 बजकर 12 मिनट तक जारी रहेगा। वहीं, उदया तिथि के अनुसार, ये व्रत 24 सितंबर को रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि व्रत महत्व
धार्मिक शास्त्रों और ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसका जीवन सुखी और समृद्ध होता है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
1.मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें। घर के मंदिर स्थित शिव-पार्वती के सामने दीप प्रज्वलित करें।
2.अगर आपके घर में शिवलिंग हो तो उनका दुग्धाभिषेक करें।
3.अब भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाएं।
4.इसके बाद शिव-पार्वती की पूजा अर्चना कर उन्हें भोग लगाएं।
5.शिवरात्रि की पूजा के दौरान ”ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते करें।
6.अंत में भगवान की आरती कर प्रणाम उन्हें प्रणाम करें।
7.इसके बाद भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।