नई दिल्ली। आज 29 सितंबर से पितृ पक्ष का आरंभ हो चुका है। पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा होती है। पितृ पक्ष वो समय काल है जिस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरु होकर 14 अक्टूबर तक रहने वाला है। ऐसी मान्यता है कि पितरों का ऋण चुकाना हो या फिर उनका आशीर्वाद पाना हो तो पितृ पक्ष में श्राद्ध करना चाहिए। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष में तर्पण या पिंडदान कराने का भी विधान है।
पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये काम
- पितृ पक्ष पूर्वजों को समर्पित है ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए।
- अगर आप कोई नई चीज खरीदने की सोच रहे हैं तो उसे भी रोक दें।
- पितृ पक्ष में सात्विक भोजन खाना चाहिए। इस दौरान तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।
- भूलकर भी इस दौरान लोहे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए।
- लोहे के अलावा पितृपक्ष में पीतल, तांबा के अलावा दूसरी धातु के भी बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- बाल और दाढ़ी भी इस समय अवधि में न कटवाएं। कहा जाता है इससे पैसों का नुकसान होता है।
- श्राद्ध पक्ष में लहसुन, प्याज से बने को करने की भी मनाही होती है।
पितृ पक्ष के दौरान करें ये काम
- पितृ पक्ष के दौरान शाम के समय एक सरसों के तेल या फिर गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाएं। यहां ध्यान रहे कि ये दक्षिण मुखी लौ करके ही ये दीपक आपको जलान चाहिए।
- पितृ पक्ष में रोजाना पितरों के निमित्त तर्पण करें। आप किसी ब्राह्मण से भी ये करवा सकते हैं।
- पितृ पक्ष में प्रतिदिन पितृ गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- अगर संभव हो तो हर श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों और गरीब लोगों को भोजन कराएं। इसके साथ ही आप उन्हें भोजन कराने के बाद दक्षिणा भी दें।
- श्राद्ध वाले दिन ब्राह्मणों और गरीब के अलावा आपको गाय, कुत्ते, चीटियों और कौए को भी भोजन डालना चाहिए।