
नई दिल्ली। देवों के देव महादेव की पूजा के लिए वैसे तो हर दिन शुभ है लेकिन सोमवार का दिन खास तौर पर शिव कृपा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवार के अलावा शिवरात्रि के दिन को भी काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं अगर किसी दंपत्ति (पति-पत्नी) के जीवन में कड़वाहट सामने आ रही है। या किसी का जीवन परेशानियों से भरा हुआ है तो भी ऐसे लोगों को शिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा जरूर करनी चाहिए। मनोवांछित कृपा पाने के लिए भी आपको मासिक शिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए…
कब है आषाढ़ मासिक शिवरात्रि व्रत
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने का विधान है। कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत शादीशुदा जिंदगी की परेशानियों, करियर और हर तरह की मनोकामना पूरा करने में कारगर होता है। ऐसे में अगर आप भी अपनी किसी परेशानी का हल चाहते हैं तो आपको ये व्रत जरूर करना चाहिए…
क्या है आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त की बात करें तो चतुर्दशी तिथि का आरंभ 16 जून 2023, दिन शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 बजे से शुरू होगा।
इसके समापन समय की बात करें तो ये अगले दिन 17 जून 2023 को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा।
निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा
निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 2 मिनट से, रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस शुभ समय में भोलेनाथ की पूजा करना शुभ होता है।
क्या रहेगा भद्रा का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पर भद्रा का साया भी पड़ रहा है जो कि सुबह 8 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। हालांकि पृथ्वी पर इस भद्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस तरह से करें पूजा
- मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करें।
- पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़क कर स्थान को पवित्र करें।
- अब पूजा का संकल्प लेकर शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल मिला पंचामृत चढ़ाकर अभिषेक करना है।
- अब भोलेनाथ को भांग, बेलपत्र, धतूरा, फल, मिठाई और मदार का फूल जरूर चढ़ाएं।
- मंत्रों का जाप कर व्रत और कथा सुनाएं।
- महादेव की आरती करके पूजा का समापन करें साथ ही भूल चूक के लिए माफी मांगे।