नई दिल्ली। प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। विनायक चतुर्थी देवों के देव महादेव और माता पार्वती पुत्र गणेश जी को समर्पित है। गणेश जी बुद्धि के देवता है। ऐसे में इनकी उपासना करने वाले जातक अपने करियर में सफलता हासिल करते हैं। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल ये शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी दो दिन बाद यानी 22 जून 2023, गुरुवार को मनाई जाएगी। अब चलिए आपको बताते हैं कैसे करनी है पूजा और क्या है मुहूर्त…
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति गणेश जी की सच्चे मन से पूजा पाठ करता है तो उसके जीवन से सभी दुख गणेश जी हर लेते हैं। इसके अलावा गणेश जी को एकदन्त, रिद्धि-सिद्धि के दाता, गणनायक, गजानन, लंबोदर और बप्पा जैसे नामों से भी जाना जाता है। अब अगर आप विनायक चतुर्थी के दिन बप्पा की कृपा पाना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त में और सही विधि में पूजा करें…
विनायक चतुर्थी पर ये है शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 21 जून 2023 दोपहर 03:09 से शुरू होगी और अगले दिन 22 जून 2023 को 05:27 मिनट समाप्त होगी। दोपहर के वक्त गणपति बप्पा की पूजा करें। इस बात का ख्याल रखें कि विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते।
इस तरह करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
घर की सफाई कर गंगा जल छिड़क कर स्थान पवित्र करें.
अब व्रत का संकल्प रखें.
सुबह सूर्यदेव को जल चढ़ाकर पीले फूल, पीले फल, दीप, धूप, गंध, चंदन से गणेश जी की पूजा करें.
बप्पा को मोदक प्रिय हैं ऐसे में उन्हें भोग में मोदक जरूर चढ़ाएं.
इस बात का ख्याल रखें कि जो लोग व्रत कर रहे हैं वो दिन में एक फल और एक बार जल का ग्रहण इच्छा अनुसार कर सकते हैं। व्रत का पारण अगले दिन पूजा-पाठ के बाद करें। व्रत खोलने से पहले अगर आप गरीबों-जरूरतमंदों को अन्न का दान करते हैं तो भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।