
नई दिल्ली। हिंदुओं में एकादशी को महत्वपूर्ण पावन पर्व के तौर पर देखा जाता है।कहा जाता है कि जो लोग एकादशी कर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं, उनके सारे पाप धूल जाते हैं और वो सीधे भगवान की शरण में पहुंचते हैं। इस बार दिसंबर में मोक्षदा एकादशी आने वाली है जिसे सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली ये मोक्षदा एकादशी मोक्ष के द्वार खोल देती है। इस दिन भी भगवान विष्णु की पूजा जाती है और कथा सुनी जाती है। तो चलिए इसका महत्व जानते हैं..।
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी को सभी एकादशी में सबसे सर्वोपरि माना जाता है। कहा जाता है कि जिनके पितर नाराज हैं, उनके लिए इस एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है और दान करने से खाली भंडार भी भर जाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था। इस बार मोक्षदा एकादशी 3 दिसंबर को पड़ रही हैं। बात करें मुहूर्त की तो एकादशी का शुभ मुहूर्त शनिवार सुबह 05 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा जोकि अगले दिन 04 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 34 मिनट कर रहेगा। अगले दिन एकादशी का पारण करें और भगवान विष्णु का ध्यान कर दान करना न भूले।
कैसे करें पूजन
अगर आप व्रत रखने वाले हैं तो एकादशी से एक दिन पहले यानी दशमी को ही आपको बिना लहसुन प्याज का भोजन ग्रहण करना होगा। साथ ही रात्रि के भोजन का त्याग करना होगा। फिर सुबह उठकर स्नान कर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें और व्रती होने का संकल्प लें। इस दिन कथा सुनने का भी महत्व है। हर एकादशी की अपनी अलग कथा होती है तो कथा सुनना भी नहीं भूले। इसके अलावा इस दिन दान भी बहुत महत्व है। आप अन्न, चावल, कपड़े, तिल, गुड़ का दान कर सकते हैं।