नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को काफी अधिक महत्व दिया जाता है। एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है। कहते हैं एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो हर माह में दो बार दो एकादशी तिथि पड़ती है। पहली एकादशी तिथि कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। इस तरह से साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। इस साल 2023 में अधिक मास भी है और 4 मई से शुरू हुए सावन के महीने के साथ ही इस वक्त अधिक मास चल भी रहा है। अधिक मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी पड़ती है उसे पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे पुरुषोत्तम एकादशी तो कई जगह पर इसे कमला एकादशी भी कहते हैं।
सुख-सौभाग्य और समृद्धि की होती है प्राप्ति
इस एकादशी को करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि मिलती है। इसके अलावा जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसे भगवान विष्णु के साथ ही धन की देवी महालक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु की सबसे उत्तम तिथियों में से एक पद्मिनी एकादशी इस साल 2023 में 29 जुलाई को मनाई जाएगी।
क्या है इस एकादशी का महत्व
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इस एकादशी को करने से व्यक्ति को यश-सौभाग्य-समृद्धि तो मिलता ही है साथ ही बैकुंठधाम की भी प्राप्ति होती है। ये एकादशी उन शादीशुदा जोड़ों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं जिन्हें संतान नहीं हैं। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा-जोड़ों को संतान प्राप्ति होती है।
कहते हैं इस दिन अगर किसी तीर्थ या पुण्य क्षेत्र या तुलसी के समीप जप किया जाए तो इस दिन का लाखों गुना फल मिलता है। शिव या विष्णु से जुड़े किसी जगह पर बैठकर जप करने से आपको इस दिन का करोड़ों गुना फल प्राप्त होता है।