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Karva Chauth Vrat 2022: कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत-13 या 14, जानिए सही तिथि और पूजा-विधि

Karva Chauth Vrat 2022: कुछ लोगों के अनुसार, करवा चौथ 13 तारीख को मनाया जाएगा, तो वहीं कुछ लोगों के अनुसार ये त्योहार 14 को तारीख को मनाया जाएगा। तो तिथि को लेकर आपकी विडंबना दूर करते हुए आइए आपको बताते हैं कि करवा चौथ की सही तिथि क्या है

नई दिल्ली। सनातन धर्म में हर महीने कोई न कोई व्रत या त्योहार पड़ता है। हिंदू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन सुहागिन स्त्री द्वारा निर्जला व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से पूजा करने से उसे अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। लेकिन इस बार करवा चौथ की तिथि को लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन देखने को मिल रहा है, कुछ लोगों के अनुसार, करवा चौथ 13 तारीख को मनाया जाएगा, तो वहीं कुछ लोगों के अनुसार, ये त्योहार 14 को तारीख को मनाया जाएगा। तो तिथि को लेकर आपकी विडंबना दूर करते हुए आइए आपको बताते हैं कि करवा चौथ की सही तिथि क्या है साथ ही ये भी बताएंगे कि इस व्रत की पूजा-विधि क्या है…

करवा चौथ व्रत की सही तिथि

हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर की सुबह 01 बजकर 59 मिनट पर हो जाएगा और समापन 14 अक्टूबर की रात 03 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। सनातन धर्म में उदया तिथि सबसे महत्वपूर्ण होती है। यही कारण है कि कुछ लोगों का मानना है कि करवा चौथ का व्रत 14 अक्टूबर को रखा जाएगा। लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें, तो करवाचौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के चांद के दर्शन करने के बाद ही पूरा माना जाता है और चतुर्थी का चांद 13 अक्टूबर को निकलेगा।  ऐसे में करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखना सर्वश्रेष्ठ है।

पूजा का शुभ-मुहूर्त

करवा चौथ की पूजा का शुभ समय 13 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 05 बजकर 50 मिनट तक अमृतकाल मुहूर्त में है। इसके अलावा, दिन में भी 11 बजकर 21 मिनट से लेकर 12 बजकर 07 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में पूजा की जा सकती है।

पूजा-विधि

1. करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियां सुबह स्नान करने के बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें।

2.इसके बाद पीली मिट्टी से मां पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजा स्थल पर स्थापित करें।

3.पूरे विधि-विधान से मां पार्वती की पूजा करते हुए उन्हें 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।

4.पूजा के दौरान माता को आठ पूड़ियों की अठावरी और हलवे का भोग लगाएं।

5.इसके बाद करवा पुरोहित या घर की महिलाओं के साथ बैठकर करवा चौथ की व्रत का कथा का पाठ करें और सुनें।

6.अब मां पार्वती को प्रणाम कर उनसे पति की लंबी आयु की कामना करें।

7.इसके बाद चंद्र उदय पर छलनी से चंद्र का दर्शन करें।

8.अब पति के हाथों से जल ग्रहण करते हुए अपने व्रत का पारण करें।