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Bhaum Pradosh Vrat 2022: क्यों खास है सावन का दूसरा प्रदोष व्रत?, जानिए इसका शुभ मुहूर्त

Bhaum Pradosh Vrat 2022: प्रदोष व्रत की तिथि जिस दिन पड़ती है उसे उसी दिन के नाम से बुलाया जाता है। जैसे सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। लेकिन मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत’ को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

नई दिल्ली। श्रावण माह का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी आज, मंगलवार, 9 अगस्त को पड़ रहा है। प्रदोष व्रत की तिथि जिस दिन पड़ती है उसे उसी दिन के नाम से बुलाया जाता है। जैसे सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। लेकिन मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत’ को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है। इसलिए आज भगवान शिव, मां मंगला गौरी और श्री हनुमान तीनों की पूजा की जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से महादेव की पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है। साथ ही शिवजी के रुद्रावतार श्री हनुमान की उपासना करने से शत्रुओं का भी नाश होता है। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि पूरे दिन भौम प्रदोष का व्रत करके शाम के समय पूजा करने से महादेव भक्तों का मंगल करते हैं।

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 9 अगस्त, मंगलवार की शाम 5 बजकर 45 मिनट से हो जाएगा और अगले दिन बुधवार, 10 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं, भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त की शाम 7 बजकर 06 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिष की दृष्टि से भी भौम प्रदोष का बहुत महत्व होता है। इस दिन मंगलदेव के 21 या 108 नामों का यथाशक्ति पाठ करने से शीघ्रातिशीघ्र कर्ज से छुटकारा मिलता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।