नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य न सिर्फ एक बेहतर अर्थशास्त्री थे बल्कि एक कुशल नीति शास्त्र के रचयिता भी थे। चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में व्यक्ति के जीवन को लेकर हर उस बात का जिक्र किया है जिसका अगर पालन किया जाए तो मनुष्य हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने न केवल लोगों को समय का सदूउपयोग समझाया है बल्कि अपने आचरण में किन चीजों का होना जरूरी है ये भी समझाया है। भले ही चाणक्य की नीतियां थोड़ी कठिन है लेकिन अगर उनका पालन किया जाए तो मनुष्य धन, दौलत, मान-सम्मान हर चीज की प्राप्ति कर सकता है। आज हम आपको ऐसे 3 गुणों के बारे में बताएंगे जिसमें चाणक्य ने श्लोक के जरिए महीलाओं को पुरुषों से आगे बताया है।
स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।।
भूख- सबसे पहली बात जो आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोक में बताई है वो है भूख। इसका अर्थ ये है कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को दोगुना ज्यादा भूख लगती है। स्वास्थय के नजरिए से देखें तो महिलाओं को कैलोरी की जरुरत ज्यादा होती है ऐसे में इन्हें भूख भी ज्यादा लगती है।
बुद्धिमान- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को आचार्य चाणक्य ने तेज बुद्धि वाला बताया है। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि महिलाओं में हर काम को एकाग्र मन से करने की क्षमता होती है। पुरुषों के मुकाबले में उन्हें ज्यादा समझदारी होती है। यही वजह है कि महिलाएं मुश्किल से मुश्किल समय को अपनी बुद्धिमानी से आसान बना लेती हैं।
साहसी- अपने नीतिशास्त्र में चाणक्य ने बताया है कि ‘साहसं षड्गुणं’ यानी कि महिलाओं के भीतर साहस पुरुषों की अपेक्षा 6 गुना ज्यादा होता है। तनाव को सहन करने के मामले में भी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा आगे होती हैं। किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति हो महिलाएं इनका डटकर सामना करती हैं।