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Naag Panchmi 2022: नागपंचमी पर ऐसे करेंगे पूजा तो पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं, जानिए क्या है इस पर्व की शुभ तिथि और मुहूर्त

Naag Panchmi 2022: ये संपूर्ण पृथ्वी शेषनाग के फन पर ही टिकी हुई है। साल की सारी पंचमी तिथियां नाग देवता को समर्पित होती हैं। यही कारण है कि नागपंचमी का पर्व हर साल सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है।

नई दिल्ली। सनातन धर्म में पूजे जाने वाले 33 करोड़ देवी-देवताओं में अधिककतर जीव-जंतु और प्रकृति को ही भगवान माना गया है और पूरे विधिविधान और श्रद्धा भाव से उनकी पूजा भी होती है। जैसे वटवती अमावस्या पर बरगद के वृक्ष की, गोवर्धन पूजा पर गोवर्धन पर्वत की, छठ पूजा में सूर्य देव की, इसी प्रकार से नाग पंचमी को नागों की पूजा की जाती है। नाग को हिंदू धर्म में विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है, क्योंकि ये जीव शेषनाग के रूप में भगवान विष्णु की सवारी है, महादेव के गले का हार और विघ्नहर्ता का कमरबंध है। इसके अलावा कहा जाता है कि ये संपूर्ण पृथ्वी शेषनाग के फन पर ही टिकी हुई है। साल की सारी पंचमी तिथियां नाग देवता को समर्पित होती हैं। यही कारण है कि नागपंचमी का पर्व हर साल सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है।

शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी 2 अगस्त 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी। इसका शुभ 2 अगस्त मुहुर्त 05:14 से शुरू होकर 3 अगस्त, 2022 को सुबह 05:42 तक समाप्त हो जाएगी।

नाग देवता की पूजा करने का सही तरीका

नागपंचमी का पर्व नागों को दूध पिलाकर और उनकी पूजा करके मनाया जाता है। लेकिन ज्‍योतिषाचार्यों की मानें तो ये एकदम गलत तरीका है। इसकी जगह सपेरे को पैसे देकर उसे जंगल में मुक्त करवा देना ज्यादा अच्छा और पुण्य का काम है। इस दिन अगर नाग-नागिन का जोड़ा मुक्त करवाया जाता है तो उनके सारे दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं।

नागों को दूध पिलाने का जिक्र शास्त्रों में भी नहीं मिलता बल्कि उनका दुग्धाभिषेक करने की बात कही गई है, जो कि संभव नहीं होता। ऐसे में किसी शिव-मंदिर में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उनकी पूजा और अभिषेक करना चाहिए। इससे नाग देवता के साथ शिव जी भी प्रसन्न होते हैं।