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अब 1 अप्रैल से डुअल फ्रंट एयरबैग के बिना कार को बाजार में लाने की मनाही, प्रस्ताव पेश

Front Airbags: एक वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस बात पर परिवहन मंत्रालय में विचार चल रहा था कि क्‍या ड्राइवर के बगल में बैठने वाले यात्री की सुरक्षा के लिए सीट बेल्‍ट काफी है या फिर उसके लिए भी एयरबैग(Airbag) को अनिवार्य बनाने की जरूरत है।

नई दिल्ली। एक अप्रैल, 2021 से बनने वाले सभी नए वाहन मॉडल को लेकर सरकार ने वाहन निर्माताओं के लिए प्रस्ताव दिए हैं कि ड्राइवर के अलावा आगे बैठने वाले पैसेंजर्स के लिए भी एयरबैग का होना अनिवार्य हो। बता दें कि वर्तमान में अभी भारतीय बाजार में जो मॉडल बनाए जा रहे हैं, उनके लिए यह नया नियम एक जून से अनिवार्य होगा। मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक ड्राफ्ट अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने सभी हितधारकों से इस विषय पर प्रस्‍ताव पर संबंधित सुझाव अगले एक महीने तक मांगे हैं। वहीं अधिसूचना में कहा गया है कि वाहन निर्माता कंपनियों को 1 अप्रैल, 2021 को या इसके बाद नए वाहनों (नए मॉडल के मामले में) और मौजूदा मॉडल के लिए 1 जून, 2021 से ड्राइवर के अलावा फ्रंट पैसेंजर के लिए भी एयरबैग उपलब्‍ध कराना अनिवार्य होगा। ब्‍यूरो ऑफ इंडियन स्‍टैंडर्ड एक्‍ट, 2016 के तहत ये एयरबैग एआईएस 145 के अनुसार होने चाहिए।

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इसको लेकर एक वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस बात पर परिवहन मंत्रालय में विचार चल रहा था कि क्‍या ड्राइवर के बगल में बैठने वाले यात्री की सुरक्षा के लिए सीट बेल्‍ट काफी है या फिर उसके लिए भी एयरबैग को अनिवार्य बनाने की जरूरत है। अंत में हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचे कि फ्रंट सीट पर बैठने वाले सह-यात्री के लिए भी एयरबैग को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

अधिकारी ने कहा कि, अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो इसका असर वाहन निर्माताओं पर पड़ेगा, खासकर जो निर्माता कंपनी छोटी कारें बनाती हैं। क्‍योंकि इससे उनके कार निर्माण में लगने वाली लागत बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों में सरकार ने वाहन निर्माताओं से वाहन की सुरक्षा को बेहतर बनाने का आग्रह किया है और एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्‍टम एवं बेस मॉडल में ड्राइवर सीट एयरबैग को अनिवार्य बनाने जैसे कई कदम उठाए हैं।

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वहीं इस प्रस्ताव को लेकर फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्‍यक्ष विनकेश गुलाटी का कहना है कि सरकार के इस कदम से सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा और उस लिहाज से ये कदम बहुत जरूरी है। भारत में इसे लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ ही हम भी ग्‍लोबल स्‍टैंडर्ड का अनुपालन करने वाला राष्‍ट्र बन जाएंगे।