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स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के किरदार का सच जानेंगे अब लोग,रणदीप हुड्डा करेंगे अभिनय और महेश मांजरेकर बनाएंगे फिल्म

वीर सावरकर को ‘कालापानी’ जो की सबसे भयानक सजा मानी जाती है कि सजा दी गई थी और सजा के दौरान उन्होंने पत्थर से जेल की दीवारों पर 6000 से अधिक कविताएं लिखकर उसे याद कर लिया था। हुड्डा का अभिनय इस फिल्म में काफी जानदार रहने वाला होगा क्योकि सरबजीत में वो अपने जेल के अभिनय से लोहा मनवा चुके है।

11 मार्च को भारत में रिलीज़ हुई द कश्मीर फाइल्स की रिलीजिंग से पहले इसकी शानदार सफलता के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि मात्र 14 करोड़ रुपए में बनी फिल्म सभी रिकॉर्ड को धराशाय करके हर हिंदुस्तानी के दिलो दिमाग पर राज करेगी।  न बल्कि इस फिल्म ने सिर्फ राज किया बल्कि लोगों को दशकों से छुपाई गयी  सच्चाई से रूबरू भी करवाया, इसी वजह से अब यह फिल्म एक तरह से क्रांति की तरह देखी जा रही है। इस फिल्म का जादू इस कदर चढ़ा कि बॉलीवुड भी सोचने पर मजबूर हो गया। बाहुबली के किरदार प्रभास की फिल्म राधेश्याम हो या अक्षय कुमार की बच्चन पांडेय द कश्मीरी फाइल्स के सामने कहीं नहीं टिक पाई। इसी वजह से फिल्म की अपार सफलता ने बॉलीवुड की राह भी बदल कर रख दी है। कभी एक तरफा फिल्म बनाने वाला बॉलीवुड जो कई ऐसे किरदारों, सच्ची घटनाओं को दिखाने से कतराता था अब तुरंत उनको परदे पर लाने को व्याकुल है। इसी कड़ी में दो नाम और जुड़े गए है जिस पर बॉलीवुड ने फिल्म बनाने का एलान किया है “द केरला स्टोरी एवं स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर”।


कल 23 मार्च को पूरे भारत में मनाये जाने वाले शहीद दिवस पर बॉलीवुड के कलाकार रणदीप हुड्डा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक पोस्ट करते हुए वीर सावरकर की बायोपिक में अभिनय करने का खुलासा किया। हुड्डा ने पोस्ट दो तस्वीर डालते हुए लिखा कि”कुछ कहानियां बताई जाती हैं और कुछ जी जाती हैं! स्वातंत्रवीर सावरकर की बायोपिक का हिस्सा बनकर आभारी, उत्साहित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।” रणदीप हुड्डा इस बायोपिक में वीर सावरकर का किरदार निभाएंगे। हुड्डा ने कहा “ऐसे कई नायक हैं, जिन्होंने हमें हमारी स्वतंत्रता दिलाने में अपनी भूमिका निभाई है। हालांकि, सभी को उनका हक नहीं मिला है। विनायक दामोदर सावरकर इन गुमनाम नायकों में सबसे गलत समझे जाने वाले और प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी हैं और उनकी कहानी जरूर बताई जानी चाहिए।

वीर सावरकर को ‘कालापानी’ जो की सबसे भयानक सजा मानी जाती है कि सजा दी गई थी और सजा के दौरान उन्होंने पत्थर से जेल की दीवारों पर 6000 से अधिक कविताएं लिखकर उसे याद कर लिया था. हुड्डा का अभिनय इस फिल्म में काफी जानदार रहने वाला होगा क्योकि सरबजीत में वो अपने जेल के अभिनय से लोहा मनवा चुके है। विनायक दामोदर सावरकर पर बनने वाली इस फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर कर रहे हैं, जबकि संदीप सिंह और आनंद पंडित निर्माता हैं। इस फिल्म की शूटिंग जून में शुरू होगी।फिल्म के निर्देशक महेश मांजरेकर ने इस फिल्म के बारे में कहा कि ”यह उन कहानियों को बताने का सही समय है, जिन्हें हमने नज़र अंदाज़ किया था।” जबकि निर्माता संदीप सिंह ने कहा “वीर सावरकर के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, मुझे आश्चर्य है कि हमारी इतिहास की किताबों में वीर सावरकर का कभी उल्लेख क्यों नहीं किया गया”।


इसके अलावा द केरला स्टोरी भी एक ऐसी सच्चाई के ऊपर ही बन रही है जिसमे केरल से 32000 लड़कियों को जबरदस्ती घर से उठा लिया गया, उनका धर्म परिवर्नत करवा कर उनका निकाह ISIS के खतरनाक इस्लामिक आतंकवादी और उनसे जुड़े मिलिटेंट से करवा दिया गया था। इस फिल्म के निर्माता विपुल शाह यह दिल दहला देने वाली बना रहे है। फिल्म बनाने वालों ने यूट्यूब और बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस फिल्म का 1 मिनट 10 सेकंड का एक छोटा सा टीजर रिलीज कर दिया है, जिसने ही फिल्म की रूपरेखा का परिचय करवा दिया। 1 मिनट के टीजर में बताया गया कि” आपकी बेटी देर रात तक घर वापस न लौट आए तो आप को कैसा महसूस होता है? केरल में हजारों लड़कियां गायब हो चुकी हैं और पिछले 12 सालों में वह अपने घर कभी नहीं आईं” टीजर के वीडियो में आगे केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अचुतानंदन का भाषण का अंश भी दिखाया गया है। जिसमें वो कह रहे है ” पॉपुलर फ्रंट भी बैन लगाई जा चुका संगठन एनडीएफ के एजेंडे की तरह एजेंडा बना रहा है और वह केरल को एक मुस्लिम राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्हें आने वाले 20 सालों में केरल को मुस्लिम राज्य बनाना है।”

यह फिल्मे कब थिएटर में आएगी इस पर अभी घोषणा होना बाकि है लेकिन यह फिल्मे भी देश में विवाद खड़ा करेगी इस बात की पूरी सम्भावना है. देश में राष्ट्रवादियों का समर्थन इन फिल्मों को मिलना तय है लेकिन वहीं विपक्ष और वामपंथियों ग्रुप के द्वारा सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाकर इन दोनों फिल्मों का जबरदस्त विरोध होगा इसमें भी कोई शंका नहीं। द कश्मीर फिल्म के बाद आने वाली इन दोनों फिल्म की कामयाबी आने वाले समय में इस तरह की फिल्मों के अनेक द्वार खोल देगी।