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Satyapal Malik: मारवाड़ में आयोजित जाट महासभा संस्थान के कार्यक्रम में मलिक ने देश के गौरव महाराणा प्रताप के लिए भी कहा कि-“राजस्थान के लोग महाराणा प्रताप को याद करते हैं, लेकिन मैं जाट नेताओं को याद करता हूं।”

Satyapal Malik: उन्होंने मोदी सरकार के ऊपर अपनी खीझ उतारते हुए कहा कि, “मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं, इसलिए किसानों के सवालों पर मोदी से डरता नहीं, किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है सिर्फ स्थगित हुआ है। जब तक किसानों की सभी मांगें मानी नहीं जातीं, आंदोलन समाप्ति का सोचा ही नहीं जा सकता।”

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के ऊपर अक्सर सवाल खड़े करने वाले मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने जोधपुर के मारवाड़ में आयोजित जाट महासभा संस्थान के कार्यक्रम में फिर से मोदी सरकार को घेरते हुए किसानों को हिंसा के लिए उकसाने वाला बयान देकर ठंडे बस्ते में जा चुके किसान आंदोलन को फिर से फूंक देने की कोशिश की है। मलिक का पिछले कुछ समय से मोदी सरकार के प्रति रवैया जग जाहिर है लेकिन इस बार उन्होंने राजस्थान के इतिहास के गौरव राजपूत शासक महाराणा प्रताप को भी जाट नेताओं के साथ जोड़कर राजपूत समाज की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि, “राजस्थान में लोग महाराणा प्रताप को याद करते हैं लेकिन मैं जाट नेताओं को याद करता हूं।”

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इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार के ऊपर अपनी खीझ उतारते हुए कहा कि, “मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं, इसलिए किसानों के सवालों पर मोदी से डरता नहीं, किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है सिर्फ स्थगित हुआ है। जब तक किसानों की सभी मांगें मानी नहीं जातीं, आंदोलन समाप्ति का सोचा ही नहीं जा सकता।” आगे सत्यपाल मलिक ने अपना पद छोड़ने के लिए धमकी देते हुए एवं किसानों को हिंसा के लिए उकसाते हुए कहा कि,” मेरी केंद्र सरकार से कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन मैं किसानों के हक़ में बोलता रहूंगा, भले इसके लिए मुझे पद छोड़ना पड़े लेकिन मैं किसानों का साथ नहीं छोडूंगा। सिख व जाट कभी भी चेहरा नहीं भूलते हैं, उन्होंने इंदिरा गांधी का चेहरा भी याद रखा था। किसानों को ज्यादा दिनों तक दबाकर नहीं रखा जा सकता, आज नहीं तो कल ये किसान अपना आंदोलन वापस स्थगन से हटाएंगे और अपना हक लेकर रहेंगे। इस बार बातचीत से नहीं देंगे तो लड़ाई लड़ेंगे, लड़ाई से नहीं मिलेगा उन्हें तो वो हिंसा से लेंगे, लेकिन वो चुप नहीं बैठेंगे और खाली हाथ नहीं लौटेंगे। मेरी दिल्ली वालों को यह सलाह है कि इनसे पंगा मत लो। यह बहुत ही भयानक लोग हैं।”

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सत्यपाल मलिक ने सेवानिवृत्ति के बाद जाट समाज के लिए काम करने की अपनी इच्छा भी प्रकट की। इससे पहले भी कृषि कानूनों को लेकर मलिक कई बार मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। हरियाणा के चरखी दादरी में एक कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने कहा था कि “जब मैं पीएम मोदी से किसानों के प्रदर्शन को लेकर मिला तो प्रधानमंत्री मोदी ‘घमंड’ में थे। मेरी पांच मिनट में उनसे लड़ाई हो गई। मैंने उन्हें कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो मोदी ने कहा- मेरे लिए मरे हैं?” आपको बता दें कि 76 वर्षीय मलिक को राज्यपाल का पद मोदी सरकार में ही मिला है। अगस्त 2020 से वो मेघालय राज्य के राजयपाल हैं, इससे पहले सितम्बर 2017 से अगस्त 2020 तक वो गोवा, जम्मू & कश्मीर, बिहार के भी राज्यपाल रह चुके है। 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा था,लेकिन हार का मुंह देखा। सत्यपाल मलिक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।