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धर्मनिरपेक्ष अशोक गहलोत साहब! “हिन्दुओं के तीर्थ सालासर धाम के सीता स्वागत द्वार को रात्रि के अंधेरे में गुपचुप तरीके से गिराने से क्या संदेश दिया?”

Rajasthan: आप मुझे बताइए क्या यह सीताद्वार अभी 2-4 दिन में अतिक्रमण की दृष्टि से बनाया गया था या वर्षों पहले बनाया गया था? क्या सालासर धाम से हिंदुओं की पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के नागरिकों की आस्था नहीं जुड़ी? क्या अजमेर शरीफ जैसे तमाम अन्य धर्मों के स्थानों पर भी इसी तरह विकास कार्यों के नाम पर कारवाही होगी?

हे जनेऊधारी पंडित श्री राहुल गांधी एवम धर्मनिरपेक्ष अशोक गहलोत जी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। हम जानते है पांचो राज्यों में आपका चुनावी प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, इसलिए आप सब कांग्रेसी दुखी एवं घोर निराशा में होंगे लेकिन हिन्दू धर्म के पवित्र त्यौहार होली के एक दिन पहले, चूरू में स्थित सालासर धाम जो की पूरे भारत में हिन्दुओं के तीर्थ एवं बालाजी महाराज के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है, के रोड पर वर्षों से स्थित भव्य सीता स्वागत द्वार जिस पर प्रभु श्रीराम, सीता मैया, भ्राता लक्ष्मण जी एवं स्वंय बालाजी महाराज शुशोभित थे, को आपकी सरकार की देखरेख में पुलिस एवं आला अधिकारियो की मौजूदगी में रात्री के समय गुपचुप तरीके से बुलडोज़र के माध्यम से बिना आदरपूर्वक, निर्ममता से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्य यदि किसी अन्य समुदाय द्वारा किया जाता तो इसे धार्मिक उन्माद माना जाता लेकिन स्वयं सरकार के नुमाइंदे यह कृत्य कर रहे है तो इसे इसकी संज्ञा भी नहीं दी जा सकती। आप बताए गहलोत साहब इस सीता द्वार जिस पर प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी, श्री बालाजी महाराज विराजमान थे, जो सालासर धाम के लिए लगाया था, से क्या दिक्कत थी? आपके कैबिनेट के एक मंत्री का कहना है कि “रोड को चौड़ा करने के लिए ठेकेदार ने यह कदम उठाया है”, लेकिन आप बस इतना बता दीजिये कि “प्रभु श्रीराम, सीता मैया, लक्ष्मण जी एवं श्री सालासर धाम में विराजमान श्री हनुमान जी महाराज से सुसज्जित सीता स्वागत द्वार को ध्वस्त करने से पूर्व इन सभी देवताओं को आदरपूर्वक कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाना चाहिए था? हो सकता है आपके घर पर मंदिर या किसी हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्ति नहीं होगी या आपके निवास में उनके लिए कोई स्थान नहीं होगा।

salasar balaji

इसलिए आपको यह ज्ञात नहीं, लेकिन एक सनातनी हिन्दू के घर पर जहां भी हिन्दू देवी देवताओं की मूर्ति तस्वीर या उनसे जुड़ा कोई चिन्ह भी होता है और उस जगह निर्माण कार्य करवाना होता है तो पहले आदरपूर्वक ईश्वर के उन चिन्हों को पूरे आदरपूर्वक, ससम्मान उनको दूसरी जगह स्थान दिया जाता है, तत्पश्चात उस स्थान को तोडा जाता है। क्या आपको इतना भी स्मरण नहीं था? क्या आपके मंत्रिमंडल, विधायकों आदि में किसी को भी इतना स्मरण नहीं था? क्या आपके द्वारा भेजे गए अधिकारियों को भी यह स्मरण नहीं था? यदि एक भी व्यक्ति को यह स्मरण नहीं था तो फिर आपके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष जो अपने आप को जनेऊधारी ब्राह्मण अपने आप को कहते है वो किस ब्राह्मण होने की बात कर रहे है?क्या आप पर कांग्रेस की हार की टीस इस कदर हावी है, कि बदला इस स्वरूप में लिया जायेगा? आपने इस स्वागत द्वार को रात्री के समय ही ध्वस्त करवाया, वो भी अधिकारियों एवं पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर से, तो आप यह कह कर जनता को मूर्ख नहीं बना सकते की यह कारवाही ठेकेदार द्वारा की गयी, क्योंकि ठेकेदार के पास पहले रोड मैप गया होगा की रोड चौड़ा करने के लिए इस सीता स्वागत द्वार को हटाना होगा, इसके लिए उसके पास दिशा निर्देश गए होंगे। लेकिन आपकी पार्टी में हिन्दू देवी-देवताओं के लिए कोई सम्मान नहीं। आपको मन में चोर था। पहले से आप यह ठान चुके थे कि देवताओं का अपमान करना है ताकि आप पांच राज्यों में मिली करारी हार का दर्द कुछ कम कर सके, वरना आप सीता द्वार को ध्वस्त करने से पहले प्रभु को ससम्मान शिफ्ट करवाने के निर्देश भी दे सकते थे, मजाल है अधिकारी आपके इस दिशा निर्देश को ठुकरा देते, और यदि आपके बस में नहीं था तो सालासर धाम समिति को यह कार्य करने का बोल देते। आपने ऐसा इसलिए किया क्योकि, आप एक धर्म के वोट बैंक को बता सके कि आपके मन में हिन्दू धर्म के प्रति कितना आदर एवं सत्कार है।

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आप मुझे बताइए क्या यह सीताद्वार अभी 2-4 दिन में अतिक्रमण की दृष्टि से बनाया गया था या वर्षों पहले बनाया गया था? क्या सालासर धाम से हिंदुओं की पूरे राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के नागरिकों की आस्था नहीं जुड़ी? क्या अजमेर शरीफ जैसे तमाम अन्य धर्मों के स्थानों पर भी इसी तरह विकास कार्यों के नाम पर कारवाही होगी? क्या इसी तरह अब राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा रात्रि के अंधेरे में चुपचाप बुलडोजर का प्रयोग कर विकास के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं को खंडित कर हिन्दुओं की आस्था पर चोट की जाएगी, उनके आराध्य को बुरी तरह तरह से ध्वस्त किया जायेगा? इतिहास गवां है सदियों पहले मुगलों ने भी विकास और अन्य के नाम पर इसी तरह का बर्ताव हिन्दुओं की आस्था के साथ किया था। क्या आप में थोड़ी भी लज्जा शेष है? क्या आप में हिंदू धर्म के प्रति सच में कुछ प्यार सद्भाव शेष है या कांग्रेस की विचारधारा में बहकर आपने उसकी तिलांजलि दे दी है?

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मेरे मन में कुछ सवाल उपजे है, जो हर हिन्दू के मन में उसे परेशान कर रहे है। क्या हमारे कोटा में टिपटा में बनाया गया स्वागत द्वार भी रात के अंधेरे में गिरा दिया जाएगा फिर गोदावरी धाम का स्वागत द्वार ,खड़े गणेश मंदिर का फिर रंगबाड़ी बालाजी का? क्या आपको इन मंदिरों से रेवेन्यू नहीं मिलता? क्या इन मंदिरों से लोगों को रोजगार नहीं मिलता? फिर आपके दिल में इनके प्रति इतनी नफ़रत क्यों है? क्या यह बुलडोजर चलाकर आपने दर्शा दिया की अब राजस्थान में रात्रि बुलडोजर के तहत चुन-चुन के हिन्दू देवताओं को विकास के नाम पर निशाना बनाया जायेगा? आप इस तरह की एक तरफा कार्रवाई करते है और फिर धार्मिक उन्माद फैलाने पर नाम लगाते है “कश्मीर फाइल्स मूवी” का। क्या यह आपका दोगला चरित्र नहीं है? यदि आप सच के धर्म निरपेक्ष हो तो अब अन्य धर्म का ही ऐसा कोई द्वार या स्थान रात्रि में तोड़कर बताए, अन्यथा स्वीकर करे की कांग्रेस मतलब हिंदू विरोधी, हिंदू विरोधी मतलब, हिंदू देवी-देवता विरोधी। यह आस्था का विषय है, कांग्रेस की जो छवि हिन्दुओं में है उस पर आपके इस कृत्या ने मुहर लगा दी है। बाकी प्रभु आपका सबका कल्याण करे।