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मोदी विरोधियों के लिए आई ये बुरी खबर, अगर देख लिए ये आंकड़े तो लग जाएंगे खुद को कोसने, जानें क्यों

इन आंकड़ों के मुताबिक, विगत माह मई में हायरिंग के मामले में 40 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। विशेषत: गीष्मकालीन अवकास में पर्यटक उद्योग में नौकरियों के अवसर में इजाफा दर्ज किया गया है। नौकरी डॉट कॉम, ‘मई माह नौकरियों में भर्ती के मामले में 4 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। वो भी ऐसे वक्त में जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यात्रा में काफी नकारात्मक असर पड़ा था।

नई दिल्ली। अगर आप भारतीय राजनीति की गतिविधियों के बारे में जानने के लिए तनिक भी आतुर रहते हैं, तब तो आपको ये पता ही होगा कि कैसे विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेने में मशगूल रहते हैं। अपने हाथ से किसी ऐसे मसले को जान नहीं देते हैं, जिससे सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा किया जा सकें, लेकिन अब इसी बीच एक आंकड़ा सार्वजनिक किया गया है। इस आंकड़ा ने उन सभी सियासी दलों को सवालिया कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है, जो कि उन्हें निशाने में लेने पर मसरूफ रहते हैं। दरअसल, यह आंकड़ा रोजगार से जुड़ा हुआ है। जिसमें यह बताया गया है कि विगत कुछ वर्षों में कितनी प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है। यकीन मानिए, अगर इन आंकड़ों को किसी भी विपक्षी दलों से जुड़े किसी नेता ने देख लिया तो उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाएगा। अब आप यही सोच रहे हैं ना कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप इन आंकड़ों के संदर्भ में ऐसी भूमिका रचा रहे हैं। जरा कुछ खुलकर बताएंगे।

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इन आंकड़ों के मुताबिक, विगत माह मई में हायरिंग के मामले में 40 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। विशेषत: गीष्मकालीन अवकास में पर्यटक उद्योग में नौकरियों के अवसर में इजाफा दर्ज किया गया है। नौकरी डॉट कॉम, ‘मई माह नौकरियों में भर्ती के मामले में 4 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। वो भी ऐसे वक्त में जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यात्रा में काफी नकारात्मक असर पड़ा था। विदित है कि शुक्रवार जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी में उछाल का सिलसिला जारी है और हालिया स्थिति को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि यह सिलसिला लंबा चलेगा। नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है जो मासिक और वार्षिक आधार पर नौकरी डॉट कॉम वेबसाइट पर नौकरी लिस्टिंग के आधार पर भर्ती गतिविधि की गणना और रिकॉर्ड करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष मंदी के बावजूद भी नौकरियों की संभावना में 35 फीसद तक का इजाफा दर्ज किया गया है। अप्रैल की तुलना में इस क्षेत्र ने स्थिरता के संकेत दिए हैं।

वहीं, कुछ अन्य उद्योग, जिन्होंने महत्वपूर्ण भर्ती गतिविधि की सूचना दी थी। खुदरा (175%), रियल एस्टेट (141%) और बीमा (126%) प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। हालांकि, आईटी-सॉफ़्टवेयर/सॉफ़्टवेयर सेवा उद्योग ने उच्च आधार प्रभाव के कारण नौकरी लिस्टिंग में +7% की मामूली वृद्धि दर्ज की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महानगरों और गैर-महानगरों में प्रतिभा की मांग स्थिर रही है। शहरों में मई में हायरिंग में साल-दर-साल दो अंकों की वृद्धि का संकेत मिला। महानगरों में, दिल्ली (63%) ने सबसे अधिक Y-O-Y वृद्धि दर्ज की, जिसके बाद मुंबई (+61%) का स्थान रहा। अन्य महानगरों, यानी कोलकाता (+59%), चेन्नई (+35%), पुणे (+27%), और हैदराबाद (+23%) ने भी सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।

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जयपुर के साथ सभी टियर- II शहरों में एक “आशावादी हायरिंग” भावना देखी गई, जिसमें प्रतिभा की मांग (+76%) में वृद्धि हुई। अन्य जैसे कोयंबटूर (+64%), वडोदरा (+49%), कोचीन (+35%), अहमदाबाद (+26%), और चंडीगढ़ (+25%) ने दोहरे अंकों की वृद्धि दिखाई। प्रवेश स्तर (0-3 वर्ष के अनुभव) की मांग में साल-दर-साल 61% की वृद्धि देखी गई। 4-7 साल (+37%), 16 साल (+27%), 13-16 साल (+26%) और 8-12 साल (+22%) जैसे अन्य अनुभव ब्रैकेट के लिए भी एक सकारात्मक भर्ती भावना देखी गई। तो ऐसी स्थिति में आप देख सकते हैं कि कैसे विषम परिस्थितियों के बावजूद भी केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में नौकरियों के अवसर में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसी स्थिति में संभावना जताई जा रही है कि आगामी दिनों में यह संभावना और गहरी होगी।