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लॉकडाउन से बेअसर जायद फसलें, पिछले साल के मुकाबले 31 फीसदी बढ़ा रकबा

कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम के तौर पर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से जायद सीजन की फसलों की बुवाई बेअसर रही है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम के तौर पर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से जायद सीजन की फसलों की बुवाई बेअसर रही है। देशभर में जायद फसलों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 31 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। गरमी के सीजन में जिन फसलों की बुवाई होती है, उनको जायद फसल या गरमा फसल कहते हैं।


रागी छोड़कर बाकी सभी मोटे अनाज, दलहन, तिलहन समेत इस गर्मा धान की बुवाई में तेजी आई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में तमाम जायद फसलों का रकबा 48.76 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 11.64 लाख हेक्टेयर यानी 31.35 फीसदी अधिक है।


धान का रकबा 32.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 23.81 लाख हेक्टेयर था। दलहनों का रकबा 3.97 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 3.01 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाजों की बुवाई 5.54 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल इस समय तक 4.33 लाख हेक्टेयर मे हुई थी।

वहीं, तिलहनों का रकबा 6.66 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय तक 5.97 लाख हेक्टेयर था। जायद सीजन में मूंगफली, सूर्यमुखी और तिल की खेती की जाती है। इस समय रबी फसलों की कटाई का पीक सीजन चल रहा है और जायद सीजन की बुवाई का भी सीजन चल रहा है। इसलिए, केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान फसलों की कटाई और बुवाई समेत खेती किसानी से संबंधित सभी कार्यो को चालू रखने की छूट दी है।