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Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापनों पर कसी नकेल, डिस्कलेमर में उपभोक्ताओं को करना होगा अलर्ट

Cryptocurrency: भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने साफ कर दिया है कि, विज्ञापन को देखकर ऐसा नहीं लगना चाहिए कि विज्ञापन किसी भी व्यक्ति की पैसे की समस्या को दूर कर सकता है।

नई दिल्ली। भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। लोग बिना जोखिम जानें क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों से आकर्षित होकर बड़ी संख्या में इसमें निवेश कर रहे हैं। ऐसे में देश के एडवर्टाइजिंग वॉचडॉग ‘एडवर्टाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने क्रिप्टो और नॉन फंजिबल टोकन्‍स (NFT) जैसे वर्चुअल डिजिटल असेट्स (VDA) के विज्ञापनों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की हैं। नए नियमों के तहत अब विज्ञापनदाताओं को क्रिप्टो उत्पादों और नॉन फंजिबल टोकन पर डिस्क्लेमर देना अनिवार्य होगा। डिस्क्लेमर में बताना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन जैसे डिजिटल एसेट्स अनियमित हैं और अधिक जोखिम भरा हो सकता हैं। साथ ही अब से विज्ञापन में कुछ बढ़ा-चढ़ाकर बताने और भारी रिटर्न की गारंटी भी नहीं दे सकते। विज्ञापन में ये भी स्पष्ट करना होगा कि, ऐसे लेन देन से किसी भी नुकसान के लिए किसी नियामक का आश्रय नहीं लिया जा सकता। एडवर्टाइजिंग के ये नए नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे।

डिस्‍क्‍लेमर को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के प्रमोशनल कंटेंट में इस्‍तेमाल करना होगा। गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रिंट या स्थिर विज्ञापन में विज्ञापन के नीचे के 1/5 हिस्से में डिस्‍क्‍लेमर होना चाहिए। विज्ञापन में डिस्‍क्‍लेमर आसानी से पढ़े जाने वाले फॉन्‍ट में होना चाहिए। वहीं, ऑडियो विज्ञापन के आखिर में डिस्‍क्‍लेमर का वॉयसओवर होना चाहिए, जिसकी गति सामन्य होनी चाहिए। ये गाइडलाइंस सोशल मीडिया पोस्ट पर भी लागू होंगी। सोशल मीडिया पोस्ट में डिस्क्लेमर कैप्शन के साथ वीडियो और पिक्चर पोस्ट के साथ देना जरूरी होगा। सोशल मीडिया पर पोस्ट के शुरुआती हिस्से में डिस्क्लेमर दिया जाएगा। वहीं 24 घंटे वाली स्टोरी में विज्ञापन के अंत में वॉइस नोट के साथ डिस्क्लेमर देना होगा।


भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने साफ कर दिया है कि, विज्ञापन को देखकर ऐसा नहीं लगना चाहिए कि विज्ञापन किसी भी व्यक्ति की पैसे की समस्या को दूर कर सकता है। एएससीआई के अध्यक्ष सुभाष कामत ने कहा, “यह निवेश का एक नया और अभी तक उभरता हुआ तरीका बन रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं को जोखिमों के बारे में जागरूक करने और उन्हें सावधानी से आगे बढ़ने के लिए आगाह करने की जरुरत है।” क्रिप्टो एक्सचेंज के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी उपभोक्ता भारत में है। देश के 10 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं।