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Business : स्विस बैंक ने साझा की 34 लाख खाताधारकों की लिस्ट, काला धन छिपाने वालों पर गिरेगी गाज

Business : अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित ब्योरा साझा किया गया है। इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और न्यासों के खाते शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी नहीं दी क्योंकि इसका आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

स्विट्जरलैंड। स्विस ने एक बार फिर उन भारतीय खाताधारकों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने इस विदेशी बैंक में अपने खातों को खोल रखा है और काले धन को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। स्विस बैंक ने ऐसे लाखों अकाउंट्स की डिटेल भारत को भेजी है। खबर के अनुसार, भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के विवरण का चौथा सेट मिला है। स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों का ब्योरा शेयर किया है।

अधिक जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित ब्योरा साझा किया गया है। इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और न्यासों के खाते शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी नहीं दी क्योंकि इसका आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि स्विस बैंक में खाता खोलना यानी अपनी गोपनीयता को सुनिश्चित करना है, ऐसा माना जाता है, जिसके चलते कई बड़े व्यापारी और नेता अभिनेता, रईस अपने खाते इस बैंक में रखते हैं।

इस बारे में अधिक जनकारी देते हुए बैंक के अधिकारियों ने कहा कि चोरी के संदिग्ध मामलों और धन शोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण समेत अन्य गड़बड़ियों की जांच में आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा। संघीय कर प्रशासन (FTA) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नये क्षेत्र… अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की…शामिल किये गये हैं। वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख का इजाफा हुआ है।

स्विस बैंक द्वारा ये सूचना का आदान-प्रदान 74 देशों के साथ किया गया है। इन देशों से स्विट्जरलैंड को भी कुछ सूचनाएं इसके बदले में दी गई हैं। लेकिन रूस समेत 27 देशों के मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है। इसका कारण या तो इन देशों ने अभी तक गोपनीयता और आंकड़ों की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है अथवा उन्होंने आंकड़े प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है। गौरतलब है कि भारत के कई बड़े-बड़े रही और व्यापारी स्विस बैंक के इस लिस्ट के बाहर आने से डरते हैं क्योंकि ऐसे में उनका काला धन, जो उन्होंने देश से बाहर छुपा रखा है वह खुलकर आयकर विभाग के सामने आ सकता है।