newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Online Payments : BHIM UPI और Rupay Card के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार ने दिया ग्राहकों को बड़ा गिफ्ट, कैबिनेट मीटिंग में हुई ये बड़ी घोषणा

Online Payments : मोदी सरकार के इस अहम फैसले के तहत बैंकों को भी फाइनेंशियल इंसेटिव दिए जाएंगे। इसके जरिए पॉइंट ऑफ सेल (PoS) और ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन जो रूपे कार्ड के जरिए किए जाएंगे-उन पर आपको अलग-अलग तरीके से इंसेटिव मिल पाएंगे।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इन दिनों कई बड़े फैसले ले रही हैं। हरेक बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज बड़े फैसलों पर मुहर लगा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आज आर्थिक मामलों से जुड़े कुछ फैसलों का एलान किया है। इनसे आम जनता को वित्तीय ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी और उनको इंसेंटिव्स दिए जाएंगे।

मोदी सरकार ने किए क्या-क्या फैसले?

आपको बता दें कि मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने करीब 2600 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन या इंसेंटिव्स का एलान किया है। इसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रूपे डेबिट कार्ड और BHIM UPI के उपयोग पर लोगों को इंसेटिव्स मिलेंगे। ये इंसेटिव्स P2M (पर्सन टू मर्चेंट) बेसिस पर दिए जाने प्रस्तावित है। इस बारे में जानकारी देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि रूपे कार्ड के जरिए डिजिटल पेमेंट्स पर 0.4 फीसदी का इंसेंटिव दिया जाएगा।

भीम यूपीआई के जरिए 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन्स पर 0.25 फीसदी का इंसेंटिव दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ भीम यूपीआई के जरिए इंडस्ट्री के यूज के लिए होने वाले डिजिटल पेमेंट्स जैसे इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, ज्वैलरी, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और अन्य सेगमेंट के लिए ये इंसेंटिव 0.15 परसेंट का बताया गया है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार के इस अहम फैसले के तहत बैंकों को भी फाइनेंशियल इंसेटिव दिए जाएंगे। इसके जरिए पॉइंट ऑफ सेल (PoS) और ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन जो रूपे कार्ड के जरिए किए जाएंगे-उन पर आपको अलग-अलग तरीके से इंसेटिव मिल पाएंगे। कम वैल्यू के BHIM-UPI ट्रांजेक्शन्स पर भी आपको कुछ प्रोत्साहन मिलेंगे। भूपेंद्र यादव ने बताया कि यूपीआई पेमेंट के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन्स की संख्या दिसंबर में 12 लाख करोड़ रुपये तक आ गई थी जो कि देश की कुल जीडीपी का करीब 54 फीसदी के आसपास बैठता है। इसके और अधिक बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इंसेंटिव इस 2600 करोड़ रुपये की मद के तहत जाने प्रस्तावित हैं।