newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Crypto currency : क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में क्यों होता है उतार-चढ़ाव, जानिए पूरा सिस्टम

Crypto currency : साल 2021 की शुरुआत से ही क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में जबरदस्त उफान देखा गया है। इस साल क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त तरीके से निवेशक खींच रहे हैं। साल की शुरुआत में बड़ी संख्या में क्रिप्टो इकोसिस्टम से नए निवेशक जुड़े हैं।

नई दिल्ली। साल 2021 की शुरुआत से ही क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में जबरदस्त उफान देखा गया है। इस साल क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त तरीके से निवेशक खींच रहे हैं। साल की शुरुआत में बड़ी संख्या में क्रिप्टो इकोसिस्टम से नए निवेशक जुड़े हैं। उनका रुख इस ओर थोड़ा सजग जरूर था। शुरुआत में उन्हें बाजार से इसका तगड़ा रिटर्न भी मिला था। लेकिन अप्रैल के आखिर और मई के शुरुआती हफ्तों में बाजार में काफी गिरावट दर्ज की गई है। जिस वजह से बहुत से निवेशको का निवेश साफ हो गया। हाल में आई यह गिरावट कितनी तगड़ी थी कि यह इसी बात से समझ सकते हैं कि सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन अपने ऑल टाइम हाई 64,000 डॉलर यानी लगभग 47.14 लाख के लेवल से गिरकर 31,000 डॉलर यानी लगभग 22.8 लाख पर आ गया है। हालांकि, इसके बाद से बाजार में सुधार भी देखा जा रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी में अस्थिर क्यों

क्रिप्टोकरेंसी में अस्थिरता क्यों होती है, इस सवाल का एक सीधा जवाब यह हो सकता है कि- क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी बाजार अब भी अपने बिल्कुल शुरुआती स्तर पर है। एक करेंसी और निवेश के माध्यम के रूप में अभी इसकी शुरुआत हो रही है।  जल्दी पैसा बनाने की धुन में निवेशक अपने पैसे के साथ प्रयोग कर रहे हैं। इसके साथ यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें कैसे फ्लक्चुएट होती हैं और क्या वो खुद इनकी कीमतों पर कोई असर डाल सकते हैं या नहीं।

crypto currency india

बिटकॉइन है उदाहरण। बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त तरीके का मूवमेंट देखा जाता है। इस साल की शुरुआत में यह लगभग 30,000 डॉलर यानी लगभग 22.09 लाख के नीचे दर्ज किया जा रहा था,  लेकिन फरवरी में यह दाम चढ़ने लगा और अप्रैल में यह दोगुना हो गया। हालांकि, उसी महीने के अंत में यह जनवरी के अपने स्तर पर पहुंच गया। जून में इसमें रिकवरी दिखी और अगस्त में यह फिर 50,000 डॉलर यानी लगभग 33.83 लाख के पार पहुंच गया।