नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों पर अगले वित्तीय वर्ष यानी इस साल पहली अप्रैल से 30 फीसदी इनकम टैक्स का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में किया था। इसके अलावा क्रिप्टो के हर ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगेगा। अब वित्तीय मामलों के जानकारों का मानना है कि इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग पर 28 फीसदी का जीएसटी भी लग सकता है। वजह ये है कि क्रिप्टो को सरकार करेंसी या एसेट नहीं मान रही है। इसे सरकार जुआ या हॉर्स रेस की तरह मान रही है। जुआ और हॉर्स रेस पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। ऐसे में अब क्रिप्टो पर भी इतनी ही जीएसटी लगाई जा सकती है। ये जीएसटी क्रिप्टो निवेशकों से साल 2018 से वसूली भी जा सकती है। यानी निवेशकों को अब तगड़ी चपत लगने के आसार हैं।
हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में क्लियर टैक्स के संस्थापक अर्चित गुप्ता ने कहा कि अब तक क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी नहीं लगी है, लेकिन अब ऐसा होने की उम्मीद है। वहीं, चार्टर्ड एकाउंटेंट कीर्ति जोशी ने दैनिक भास्कर से कहा कि क्रिप्टो न तो सिक्युरिटी है और न ही मनी है। ये एक जुए की तरह है और इस पर अब जीएसटी लग सकता है क्योंकि जीएसटी की धारा 2 (75) के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को मनी का दर्जा नहीं मिल सकता। दरअसल, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने भी मीडिया से बातचीत में साफ कह दिया था कि क्रिप्टो को कभी भी मान्यता नहीं मिल सकेगी। इसे जुए की तरह ही देखा जाएगा और निवेशक को नुकसान होने पर सरकार कोई मदद नहीं कर सकेगी।
उधर, शेयर मार्केट में तगड़ा निवेश करने की वजह से चर्चा में आए निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट एक दिन ढह सकता है। झुनझुनवाला के मुताबिक इससे हालांकि, शेयर मार्केट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके मुताबिक शेयर और क्रिप्टो के निवेशक अलग-अलग हैं। बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया हुआ है।