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Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या, किन देशों में लग चुका है बैन, आभासी मुद्रा के बारे में जानिए सबकुछ

Cryptocurrency: देश और दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। भारत में भी भारी संख्या में लोग इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। निवेशकों की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ रही है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों के लिए एक झटका देने वाली खबर आई है।

नई दिल्ली। देश और दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। भारत में भी भारी संख्या में लोग इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। निवेशकों की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ रही है। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों के लिए एक झटका देने वाली खबर आई है। जिसके मुताबिक सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने की तैयारी में लगी हुई है। माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र क दौरान संसद में यह विधेयक पेश किया जाएगा। जिसका नाम विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा सकती है। ऐसे में यदि यह विधेयक संसद से पारित हो जाता है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। हालांकि मांग यह भी की जा रही है, कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए।

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जानिए क्या है क्रिप्टो

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल या वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। जिसे आप देख या छू नहीं सकते, लेकिन ऑनलाइन वॉलेट में इस करेंसी को जमा करके रखा जा सकता है। जिसे डिजिटल कॉइन के रूप में रखते हैं। इसे डिजिटल कैश प्रणाली भी कहा जा सकता है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्धारित होती है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी किसी एक देश की सीमा या नागरिकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह अलग-अलग देशों और नागरिकों से भी ताल्लुक रखती है।

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​चीन में पहले ही लगा बैन

चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। चीन क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ भी कार्रवाई करने का ऐलान भी कर चुका है। उसने यह भी कहा कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर भी पाबंदी लगा देगा। बता दें कि चीन में कई ऐसी कंपनियां हैं, जो पिछले कई सालों में क्रिप्टो पर बड़ा दांव लगा चुकी है, विशेष रूप से टेक इंडस्ट्री की कंपनियों ने यह दांव लगाया है। वहीं अब भारत में भी लाखों लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके हैं, ऐसे में यदि भारत में इन पर बैन लगा तो कई निवेशकों की सांस हलक में अटक जाएगी।

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​इन देशों में भी क्रिप्टो बैन

चीन ही नहीं बल्कि और भी कई ऐसे देश हैं जहां क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया गया है। इन देशों में नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम भी शामिल हैं। जहां क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। मिस्त्र में भी शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम माना गया है।

क्यों बैन है क्रिप्टोकरेंसी

हर देश में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के अपने अलग-अलग कारण हैं। लेकिन ज्यादातर बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। पिछले सालों में कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 तक फीसदी गिर गया था। वहीं साल 2013 में भी अप्रैल के महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से ज्यादा गिरी थी।

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क्रिप्टो पर पीएम मोदी का बयान

गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक बैठक का आयोजन किया था। जहां इस करेंसी को लेकर भी चर्चा की गई थी। वहीं पीएम मोदी ने भी डिजिटल करेंसी के बारे में सावधानी बरतने की बात कही। पीएम ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उदाहरण देते हुए कहा कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, वरना इससे हमारे युवाओं का भारी नुकसान हो सकता है।