Crypto: क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर आया वित्त सचिव का बड़ा बयान, जानिए क्या करने जा रही मोदी सरकार

गुरुवार को सवालों के जवाब में वित्त सचिव ने कहा कि संसद में क्रिप्टो बिल पेश करने से पहले काफी अध्ययन किया जा रहा है। बावजूद इसके मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से लीगल टेंडर नहीं होगी। देश में सोना भी लीगल टेंडर नहीं है न ही चांदी या शराब को लीगल टेंडर माना गया है।

Avatar Written by: November 26, 2021 7:53 am
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नई दिल्ली। संसद के 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल आने वाला है। इस बिल को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने जा रही है। अब हकीकत का खुलासा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने किया है। सोमनाथन में सरकार की मंशा का खुलासा करते हुए कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी हालत में लीगल टेंडर नहीं माना जाएगा। यानी इस करेंसी का लेन-देन पूरी तरह बैन और अवैध होगा। गुरुवार को सवालों के जवाब में वित्त सचिव ने कहा कि संसद में क्रिप्टो बिल पेश करने से पहले काफी अध्ययन किया जा रहा है। बावजूद इसके मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से लीगल टेंडर नहीं होगी। देश में सोना भी लीगल टेंडर नहीं है न ही चांदी या शराब को लीगल टेंडर माना गया है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा वो कुछ नहीं कह सकते। सोमनाथन ने बताया कि बिल का मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने संकेतों में ये जरूर बताया कि नए बिल में प्रतिबंधित जैसे शब्द को हटा दिया गया है, लेकिन इसका मतलब अब भी इस्तेमाल को बैन करना ही है।

और अब जानते हैं कि दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देशों में क्या चल रहा है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में साल 2016 से ही क्रिप्टोकरेंसी बैन है। अमेरिका ने भी इसे मान्यता नहीं दी है। पड़ोसी देश चीन में साल 2021 से क्रिप्टोकरेंसी बैन है। यहां युआन को डिजिटल करेंसी के तौर पर भी लाया गया है। ब्रिटेन में वित्तीय आचार नियमन प्राधिकरण FCA ने कारोबार और विनिमय का लाइसेंस जारी किया हुआ है। ब्रिटेन में क्रिप्टो पर भी टैक्स है। यूरोप के बाकी देशों में इस बारे में कुछ नियम हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को यहां शेयर और म्युचुअल फंड के तौर पर देखा जाता है।

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कुल मिलाकर अब ये तय हो चुका है कि क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार भारत में नहीं हो सकेगा। ऐसे में जिनके पास क्रिप्टो है, उसे उन्हें बेचकर अपनी रकम निकालनी होगी। बिल लाए जाने की बात सामने आते ही भारत में सभी क्रिप्टोकरेंसी के रेट काफी गिर गए थे। गुरुवार को इनकी दर में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी।