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Rajasthan: विदेशी मंडियों में राजस्थान के जीरे की मांग, अफगानिस्तान-किर्गिस्तान में होगा एक्सपोर्ट

Rajasthan: बीते कुछ दिनों से जीरे के भाव बढ़ते नजर आ रहे हैं। जीरा के रेट 22 हजार रुपए क्विंटल पहुंच गए थे। वहीं 5 अप्रैल को जीरे की कीमत 25000 रुपए प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड पहुंच गई थी। लेकिन पिछले 3 दिनों से मंडी में जीरे की 12 हजार क्विंटल से अधिक की आवक हुई है।

नई दिल्ली। दुनिया को राजस्थान का जीरा काफी रास आ रहा है। इसकी बढ़िया गुणवत्ता के चलते हाल ही में अफगानिस्तान और किर्गिस्तान के दो व्यापारियों ने इसका एक बड़ा ऑर्डर दिया है। जीरे की बढ़िया क्वालिटी को देखते हुए 50 टन का ऑर्डर दिया है। जीरे की खेती को काफी रिस्की बिजनेस माना जाता है। राजस्थान में देश के के कुल जीरे का 28 प्रतिशत उत्पादन होता है। राजस्थान में जीरे की क्वालिटी उच्च होने के बावजूद बिक्री काफी कम होती थी। लेकिन अब किसानों की मेहनत और राजस्थानी मिट्‌टी, जो जीरे की खेती के एकदम अनुकूल होती है, अपनी ताकत का रंग दिखा रही है। मेड़ता (नागौर) मंडी के सचिव राजेंद्र रियाड़ ने जानकारी दी, कि किर्गिस्तान के व्यापारी सोनल शौकत और अफगानिस्तान से व्यापारी मोहम्मद उमर मेड़ता कृषि मंडी आए थे और इन विदेशी व्यापारियों ने मेड़ता मंडी में 50 टन जीरे का ऑर्डर दिया है। उन्होंने आगे बताया कि विदेशी मंडियों में राजस्थान के जीरे को दोगुनी कीमत मिलती है। पिछले साल राजस्थान में 1265 करोड़ रूपये की बिक्री हुई थी।

हालांकि, बीते कुछ दिनों से जीरे के भाव बढ़ते नजर आ रहे हैं। जीरा के रेट 22 हजार रुपए क्विंटल पहुंच गए थे। वहीं 5 अप्रैल को जीरे की कीमत 25000 रुपए प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड पहुंच गई थी। लेकिन पिछले 3 दिनों से मंडी में जीरे की 12 हजार क्विंटल से अधिक की आवक हुई है। बताया जाता है कि नागौर समेत पश्चिमी राजस्थान के जिले में उच्च क्वालिटी का जीरा मिलता है। यहां का मौसम, मिट्‌टी और पानी जीरे की खेती के अनुरूप है। मेड़ता के जीरे की सप्लाई कई राज्यों और देशों को की जाती है। मारवाड़ क्षेत्र का शुष्क वातावरण जीरे के लिए सबसे अच्छा होता है। इस जिले में इस वर्ष लगभग 41 हजार हैक्टेयर में जीरे की खेती की गई है, जिससे प्रति हैक्टेयर करीब 5 क्विंटल जीरे की पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं पिछले साल 52 हजार हैक्टेयर में जीरे की खेती की गई थी, जिससे करीब 38210 टन जीरे का उत्पादन हुआ था।

जानकारों ने जीरे की बढ़ती कीमतों के मुख्य दो कारण बताए हैं- पहला, इस बार जीरे की खेती पिछले साल के मुकाबले 50 प्रतिशत कम हुई है, जिसकी वजह से बाजारों में मांग के मुताबिक माल नहीं मिल पा रहा है। दूसरा इस बार के खराब मौसम ने इलाके की 25 % तक  की फसलों को नष्ट कर दिया था। तो कम उत्पादन और ज्यादा मांग की वजह से जीरे की कीमतें बढ़ी हैं।