LPG price hike: 1 जुलाई से बढ़ गई सिलेंडर और दूध की कीमतें, बैंकिग से जुड़े नियम भी बदले
LPG price hike: हर महीने की शुरूआत के साथ ही एलपीजी सिलेंडर (LPG Price) की कीमतों में बदलाव देखने को मिलता है। आज यानी जुलाई महिने की बात करें तो अब आपको इंडेन के सिलेंडर भरवाने के लिए आपको 25 रुपये अधिक देने होंगे।
नई दिल्ली। गुरुवार यानी 1 जुलाई 2021 से आम लोगों से जुड़ी चीजों में कई तरह के बदलाव आ गए है। जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। इन बदलावों की बात करें तो इनमें एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी, एसबीआई से कैश विड्रॉल से जुड़े नियन, टीडीएस के नियम में आए बदलाव शामिल है। तो चलिए आपको बताते हैं और कौन सी चीजें हैं जिनमें बदलाव आया है।
एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी
हर महीने की शुरूआत के साथ ही एलपीजी सिलेंडर (LPG Price) की कीमतों में बदलाव देखने को मिलता है। आज यानी जुलाई महिने की बात करें तो अब आपको इंडेन के सिलेंडर भरवाने के लिए आपको 25 रुपये अधिक देने होंगे। अभी दिल्ली में LPG सिलेंडर की कीमत 834 रुपये है। हालांकि इससे पहले 1 जून, 1 मई को गैस कंपनियों की ओर से एलपीजी सिलेंडर (LPG Price) की कीमतों में किसी तरह का कोई बदलाव नही किया था।
दूध की कीमतें भी बढ़ी
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आ रही बढ़ोतरी के बाद अब रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला दूध भी अब लोगों की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। दरअसल, दूध कंपनी अमूल (Milk Price hike) ने भी दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। बता दें, अमूल दूध (Amul Milk) की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। दूध की कीमतों में आई ये बढ़ोतरी आज यानी 1 जुलाई 2021 से लागू भी हो चुकी है।
सिंडिकेट बैंक का IFSC बदला
सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) में खाताधारकों के लिए जरूरी खबर है। बता दें, बैंक की शाखाओं के मौजूदा IFSC अब काम नहीं करेंगे। ऐसे में अब लोगों को अगर आप चाहते हैं कि आपके बैंकिंग से जुड़े काम बिना रूके होते रहें तो आपको IFSC अपडेट करना होगा। आपको बता दें, 1 अप्रैल 2020 से सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक (Canara Bank) में विलय हो चुका है। ऐसे में अब सिंडिकेट बैंक की सभी शाखाएं केनरा बैंक की शाखाओं के तौर पर काम कर रही हैं।
टीडीएस का नया नियम
फाइनेंस एक्ट 2021 के लागू होने के साथ ही अब TDS में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव (TDS Rules Changing From 1st July) देखने को मिलेंगे। आसान शब्दों में बात करें तो अब नया सामान खरीदने के टीडीएस से जुड़े नियम में बदलाव आया है और आईटीआर फाइल नहीं करने वालों से अब पहले से अधिक जुर्माना वसूला जाएगा। बता दें, 1 जुलाई से 206एबी सेक्शन भी प्रभाव में आ गया है। जिसके बाद उन लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी जिन विक्रेता ने अपना दो साल तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है। उनका टीडीएस बढ़कर 5 फीसदी हो जाएगा। यानी टीडीएस की दर जो पहले 0.10 थी वो बढ़कर 50 गुना बढ़ जाएगी।