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Byjus Laid off : एडटेक कंपनी BYJU ने 1,000 लोगों को नौकरी से निकाला, कुछ दिन पहले भी उठाया था ये बड़ा कदम

Byjus Laid off : उन्होंने रिपोर्टेड 55 मिलियन डॉलर (454 करोड़ रुपये) में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ अपने अनुबंध का नवीनीकरण भी किया। बता दें, हाल फिलहाल में कई दूसरी टेक कंपनियों ने भी अपने है भारी संख्या में छंटनी की है, जिसमें आईबीएम और SAP जैसी कंपनियां हिस्सा हैं।

नई दिल्ली। इन दिनों कई ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े कई एडटेक स्टार्टअप कमाल दिखा रहे हैं तो कई धड़ाम से औंधे मुंह भी गिरे हैं। ऐसी ही एक एडटेक यूनिकॉर्न स्टार्टअप BYJU ने 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर, सभी इंजीनियरिंग टीमों के 15 प्रतिशत को निकाल दिया गया है। पिछले साल अक्टूबर में टेक और इंजीनियरिंग टीम के 30 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई थी। बता दें, अभी तक कंपनी के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अक्टूबर में कंपनी ने कहा कि उसने अपने कुल कर्मचारियों का 5 प्रतिशत यानि कि 50,000 मजबूत वर्क फोर्स में से 2,500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी। तब कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने छंटनी को सही ठहराते हुए कहा था कि यह कंपनी के लिए लाभदायक बनने के लिए एक जरूरी स्टेप था।

आपको बता दें कि FY21 के वित्तीय विवरणों में कंपनी ने 4,589 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी थी, जो कि एक भारतीय स्टार्टअप द्वारा अब तक की सबसे बड़ी रिपोर्ट है। कंपनी का रेवेन्यू 3.3 फीसदी गिरा था। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी के वित्तीय वर्ष 2011 में लगभग 18 महीने की देरी हुई थी। BYJU’s ने FY21 में विज्ञापन और मार्केटिंग पर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। कंपनी ने फीफा विश्व कप का आधिकारिक स्पॉन्सर बनने के लिए 40 मिलियन डॉलर (330 करोड़ रुपये) इन्वेस्ट किए थे।

वहीं दूसरी तरफ आपको ये भी बता दें कि 2019 में ओप्पो से स्पॉन्सरशिप लेने के बाद कंपनी भारतीय क्रिकेट टीम की प्रमुख प्रायोजक बन गई। उन्होंने प्रति द्विपक्षीय मैच 4.61 करोड़ रुपये और प्रति मैच 1.51 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उन्होंने रिपोर्टेड 55 मिलियन डॉलर (454 करोड़ रुपये) में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ अपने अनुबंध का नवीनीकरण भी किया। बता दें, हाल फिलहाल में कई दूसरी टेक कंपनियों ने भी अपने है भारी संख्या में छंटनी की है, जिसमें आईबीएम और SAP जैसी कंपनियां हिस्सा हैं।