नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की घोषणा की। इस योजना में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये का ऋण शामिल होगा, जिसका उद्देश्य चिकित्सा बुनियादी ढांचे को कम क्षेत्रों को लक्षित करना है। कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार ने एक राहत के तौर पर इस पैकेज का ऐलान किया है।
आपातकालीन क्रेडिट गारंटी योजना को 3 लाख करोड़ से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ किया जा रहा है: केंद्रीय वित्त मंत्री pic.twitter.com/fvbHgkMi6O
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2021
स्वास्थ्य क्षेत्र को 50 हजार करोड़ रुपये की लोन गारंटी दी जाएगी : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया है। यह महामारी के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ा है एक राहत पैकेज है, जिसके तहत मेडिकल सेक्टर को लोन गारंटी दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के माध्यम से क्रेडिट गारंटी योजना है, इसमें 25 लाख छोटे उधारकर्ताओं तक पहुंचने का लक्ष्य है। इसमें एक व्यक्ति को अधिकतम 1.25 लाख का ऋण दिया जाएगा। ब्याज दर रिज़र्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक निर्धारित अधिकतम ब्याज दर से 2% कम होगी।
इस योजना में विस्तार के लिए गारंटी कवर और आठ महानगरों के अलावा अन्य शहरों में स्वास्थ्य और चिकित्सा बुनियादी ढांचे से संबंधित नई परियोजनाएं शामिल होंगी। आकांक्षी जिलों के लिए, नई परियोजनाओं और विस्तार दोनों के लिए गारंटी कवर 75 प्रतिशत होगा। नई घोषित योजना के तहत अधिकतम ऋण राशि 100 करोड़ रुपये होगी और गारंटी की अवधि तीन साल तक होगी।
हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95 प्रतिशत सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगा। सीतारमण ने यह भी कहा कि गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत, स्वास्थ्य के अलावा अन्य क्षेत्रों के लिए 8.25 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 60,000 करोड़ रुपये के ऋण की अनुमति होगी। गारंटी कवर के बिना सामान्य ब्याज दर 10 से 11 प्रतिशत है।
सीतारमण ने कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक हेल्थ के लिए बड़े पैकेज की घोषणा की है। केंद्र के इस कदम के साथ ही महामारी के समय में इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस को बढ़ावा मिलेगा।