
वॉशिंगटन। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट अगले साल 1 फरवरी को संसद में पेश होगा। ये बजट काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसकी वजह ये है कि यूक्रेन-रूस जंग और बारिश ठीक से न होने की वजह से खाद्यान्न उत्पादन में कमी से महंगाई लगातार बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं IMF और वर्ल्ड बैंक ने भारत के विकास दर में गिरावट का अनुमान लगाया है। विकास दर के इस वित्तीय वर्ष में 6.1 से 6.7 के बीच रहने का अनुमान है।. हालांकि, वित्तीय संस्थाओं का कहना है कि दुनिया के सभी देशों से भारत की विकास दर ज्यादा रहेगी। इन सब मसलों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले बजट के बारे में संकेत दिए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले बजट में सबसे अहम दो बातें रहने वाली हैं। पहला तो विकास दर को बनाए रखना और दूसरा महंगाई पर कंट्रोल। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट Brookings Institute में कार्यक्रम में शिरकत कर रहीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक विकास को जारी रखने के लिए बजट में प्राथमिकता दी जाएगी। महंगाई से निपटने पर जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में ऊर्जा, खाद और अनाज को लेकर फिलहाल बड़ा संकट चल रहा है। इससे भारत पर भी असर पड़ा है। हम देख रहे हैं और आगे भी देखेंगे कि हमारे नागरिकों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े। ये मोदी सरकार का आखिरी बजट होगा, जाहिर है इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले लोकलुभावन बनाने की तैयारी भी वित्त मंत्रालय कर रहा है। इस बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव समेत गरीबों, किसानों और नौकरीपेशा के अलावा बिजनेस और स्टार्टअप्स के लिए काफी फायदेमंद प्रावधान होने की संभावना है।

निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को सुबह 11 बजे लगातार पांचवीं बार बजट पेश करेंगी। अभी इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। फिलहाल वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों, विभागों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बजट पर चर्चा कर रहा है। 10 नवंबर के बाद उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों, खेती के जानकारों और अन्य वर्गों के साथ वित्त मंत्री चर्चा करेंगी। इसके बाद बजट का प्रारूप तैयार करने का काम शुरू होगा। जनवरी के मध्य तक बजट को छपने के लिए भेजा जाएगा।