newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

India Purchases Russian Crude: रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीद रहा भारत, फरवरी में हर रोज लिए 16 लाख बैरल

रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत की रिफाइनरियां इनको पेट्रोल और डीजल में बदल रही हैं। इसके बाद पेट्रोल और डीजल को घरेलू खपत के अलावा अमेरिका और यूरोप के देशों को भी बेचा जा रहा है। इससे भारत को विदेशी मुद्रा कमाने का भी भरपूर मौका मिला है। हालांकि, इस मसले पर यूरोपीय देशों ने नाराजगी भी जताई थी।

नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। अब खबर ये है कि बीते फरवरी के महीने में भारत ने रूस से हर रोज 16 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा। ये मात्रा इराक और सऊदी अरब से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल से ज्यादा है। ऊर्जा मामलों पर नजर रखने वाली Vortexa के मुताबिक भारत अपनी जरूरत का एक-तिहाई कच्चा तेल रूस से खरीद रहा है। यूक्रेन से जंग शुरू होने से पहले रूस से भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का महज 1 फीसदी ही लेता था। यूक्रेन जंग की वजह से जब अमेरिका और यूरोप के देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए, तो उसने सस्ते में कच्चा तेल भारत को देने का ऑफर दिया। इसके बाद से ही भारत लगातार बड़ी मात्रा में रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है।

putin and modi

जानकारी के मुताबिक भारत ने इस साल फरवरी में इराक से हर रोज 9.4 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा। जबकि, सऊदी अरब से हर दिन 6.5 लाख बैरल, यूएई से 4 लाख बैरल और अमेरिका से हर रोज महज 2.5 लाख बैरल कच्चा तेल ही खरीदा। रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत की रिफाइनरियां इनको पेट्रोल और डीजल में बदल रही हैं। इसके बाद पेट्रोल और डीजल को घरेलू खपत के अलावा अमेरिका और यूरोप के देशों को भी बेचा जा रहा है। इससे भारत को विदेशी मुद्रा कमाने का भी भरपूर मौका मिला है।

s jaishankar and hardeep singh puri
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी।

रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए यूरोप के देशों ने भारत की खूब आलोचना की थी। इस पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया था कि भारत अपने नागरिकों के हित में फैसला लेने के लिए आजाद है और वो किसी दबाव में आने वाला नहीं है। वहीं, अमेरिका ने भी लगातार कहा है कि रूस से कच्चा तेल भारत खरीद सकता है और उस पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जा सकती।