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कोविड महामारी में भी भारत ने इस क्षेत्र में कर दिखाया कुछ ऐसा कि बन गया दुनिया का पांचवा देश

India Corona: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते देश की समग्र आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से नुकसान हुआ लेकिन इस नुकसान से अलग देश के मजबूत फंडामेंटल्‍स ने मध्‍यम अवधि के लिए उम्‍मीद की किरण को बनाए रखा है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच जहां दुनियाभर के देशों में आर्थिक मंदी देखी गई वहीं भारत ने इस महामारी के बीच भी कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे वो दुनियाभर में पांचवे नंबर पर काबिज हो गया। बता दें कि साल 2020 में भारत में विदेशी निवेश कुछ इस कदर हुआ कि रिकॉर्ड बन गया। दरअसल भारत में साल 2020 के दौरान 64 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया गया और इसके साथ ही विदेशी निवेश हासिल करने वाला भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन गया है। इस संबंध में सोमवार को यूएन द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें यह जानकारी दी गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते देश की समग्र आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से नुकसान हुआ लेकिन इस नुकसान से अलग देश के मजबूत फंडामेंटल्‍स ने मध्‍यम अवधि के लिए उम्‍मीद की किरण को बनाए रखा है।

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यूएन कॉन्‍फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की तरफ से जारी वर्ल्‍ड इनवेस्‍टमेंट रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि कोविड महामारी की वजह से दुनिया भर में एफडीआई बुरी तरह प्रभावित हुआ और यह 2020 में 35 प्रतिशत गिरकर 1 लाख करोड़ डॉलर रह गया। जोकि एक साल पहले की अवधि में 1.5 लाख करोड़ डॉलर था।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व में कोविड-19 के चलते लॉकडाउन ने मौजूदा निवेश परियोजनाओं की गति को धीमा कर दिया और आर्थिक मंदी की आशंका के चलते बहुराष्ट्रीय उद्यमों को नई परियोजनाओं को लेकर फिर से आंकलन करना पड़ा। इस रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में FDI 2020 में 27 प्रतिशत बढ़ गया, जोकि 64 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। बता दें कि, जो 2019 में 51 अरब अमरीकी डॉलर था। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उद्योग में अधिग्रहण से भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा FDI प्राप्तकर्ता बन गया। गौरतलब है कि दुनियाभर में महामारी ने डिजिटल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और सर्विस की मांग को बढ़ावा दिया है।

बता दें कि FDI आउटफ्लो के मामले में भारत का दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से 18वां स्थान है। भारत से 2020 में 12 अरब डॉलर का एफडीआई बाहर निकला, जोकि 2019 में 13 अरब डॉलर था। विकासशील एशिया में FDI प्रवाह 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 535 अरब डॉलर रहा। चीन में एफडीआई प्रवाह इस दौरान 6 प्रतिशत बढ़कर 149 अरब डॉलर रहा।