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India-Russia Relationship : रूस की मदद करके भारत को कैसे हुआ 2 लाख करोड़ से ज्यादा का फायदा, जानने के पढ़िए

India-Russia Relationship : पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच 23.25 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया। इसके लिए 132.4 अरब डॉलर का भुगतान किया गया। वहीं अगर, साल 2022-23 की बात करें, तो 157.5 अरब डॉलर का भुगतान किया गया था।

नई दिल्ली। भारत हमेशा ही अपने मित्र देशों के साथ खड़ा रहता है। कभी-कभी दूसरों की मदद करने से खुद का भी फायदा हो जाता है। भारत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। रूस की मदद करके भारत को लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। दरअसल रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इन प्रतिबंधों में रूस से कच्चा तेल खरीदने पर रोक भी शामिल है। भारत और रूस की दोस्ती जगजाहिर है। ऐसे में रूस की मदद करने के लिए भारत ने अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच 23.25 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया। वैसे तो आयात किए गए कच्चे तेल की मात्रा पिछले वित्त वर्ष 2022-2023 के लगभग बराबर ही है, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में कच्चे तेल के आयात के लिए 132.4 अरब डॉलर का भुगतान किया गया। वहीं अगर, 2022-23 की बात करें तो 157.5 अरब डॉलर का भुगतान किया गया था। इसका मतलब है यह हुआ कि केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की खरीद में 2.1 लाख करोड़ रुपए की बचत की है। अब रूस से खरीदे गए उसी कच्चे तेल को यूरोपीय देश भारत से रिफाइंड ईंधन के रूप में ज्यादा कीमत देकर खरीद रहे हैं। इतना ही नहीं भारतीय तेल रिफाइनरियों ने यूरोप के बड़े मार्केट पर कब्जा जमा लिया है।

इसके अलावा भारत तरल रूप में गैस जिसे एलएनजी कहते हैं, का भी आयात करता है। इसकी खरीद में भी भारत को फायदा हुआ। वित्त वर्ष 2023-2024 में 30.91 अरब घनमीटर गैस के आयात की लागत 13.3 अरब डॉलर रही जबकि साल 2022-23 में 26.3 अरब घनमीटर गैस के आयात पर 17.1 अरब डॉलर का खर्च आया था।