
नई दिल्ली। आज के वक्त में इंसान बिना मेहनत के मालामाल होना चाहता है। लेकिन महंगाई के इस जमाने में बिना पैसे जिंदगी गुजारना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है। ऐसे में आम इंसान यही सोचता रहता है कि आखिर कम वक्त में कैसे ज्यादा मनी प्राप्त कर सके। कुछ लोग तो ईमानदारी के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ने का सोचते है। वहीं कई लोग सट्टा या जुए में हाथ आजमा कर पैसा कमाने के बारे में सोचते है। हालांकि इन खेलों में वित्तीय जोखिम ज्यादा है मगर फिर भी कई लोग सट्टा मटका के जरिए धनवान बन रहे है। ये खेल इस वक्त पूरे देश में फेमस हो चुका है। इसमें व्यक्ति को केवल एक नंबर को चुनना होता है फिर उसकी किस्मत चमकी या डूबी ये नतीजे आने के बाद ही पता चलता है। सबसे पहले आप सभी को 13 दिसंबर के सट्टा मटका के विनिंग अंक के बारे में बताते है, जानते है कि बुधवार को दिसावर, गली, फरीदाबाद समेत लॉटरी खेलों में निवेश करके किनके ऊपर पैसों की बारिश हुई है..
लेकिन क्या आप जानते है कि सट्टा या जुए आज से नहीं खेला जा रहा है, बल्कि प्राचीनकाल में भी महाराजा लोग शौकीन के तौर पर इसको खेला करते थे। पुराने जमाने में इसको चौपड़ के नाम से जाना जाता था। वहीं आधुनिक युग में सट्टा मटका या लॉटरी खेलों के रूप में प्रचलित है। इन खेलों की कुछ अच्छाई तो कुछ बुराई भी है। अच्छाई के तौर बताए तो इसमें कोई भी शख्स चंद घंटों के भीतर करोड़पति बन सकता है। इतना ही नहीं एक विनिंग अंक के दम पर अपने सारे शौक को पूरा सकता है। ऑनलाइन खेले जाने वाले सट्टा किंग में कहीं से अपना दांव लगा सकते है।
वहीं सट्टा किंग की निगेटिव प्वाइंट की बात करें तो इसकी लत इंसान को कंगाल बना सकती है। इस खेल में दांव लगाने वाले शख्स का एक झटके में पूरा पैसा डूब सकता है। सट्टा या जुए ने कई घरों को तबाह भी किया है। लिहाजा इसमें जोखिम लेने से पहले इस खेल के बारे में सबको पूरे विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। इन खेलों को सरकार ने पूर्ण तरीके से प्रतिबंध भी किया है। लिहाजा न्यूजरूम पोस्ट इन खेलों का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करता है।