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LIC Stake Sale: एलआईसी में इतने फीसदी हिस्सेदारी बेचने को तैयार मोदी सरकार, सूत्रों के मुताबिक शेयर बाजार की हालत सुधरने पर उठाया जाएगा कदम

LIC Stake Sale: वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग यानी दीपम ने कई सरकारी बैंकों और एलआईसी समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी बेचने के लिए हाल ही में मर्चेंट बैंकर्स और कानूनी सलाहकारों से निविदा मांगी है। दीपम के मुताबिक ये हिस्सेदारी अगले 3 साल में बेची जाएगी। अगर एलआईसी के शेयर की बात करें, तो ये 750 रुपए के करीब चल रहा है। एलआईसी का मार्केट कैप 4.8 खरब रुपए है। यानी कंपनी की माली हालत बहुत अच्छी है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी में अपने शेयर का 2 से 3 फीसदी हिस्सा बेच सकती है। सूत्रों के हवाले से ये खबर बिजनेस संबंधी अखबार मिंट ने दी है। मिंट की खबर के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2025-2026 में ही केंद्र सरकार का इरादा एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का है। हालांकि, अभी शेयर बाजार की हालत खराब है। ऐसे में अभी तय नहीं है कि सरकार कब एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। मिंट को सूत्रों ने बताया कि सरकार साल 2027 तक एलआईसी में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। केंद्र सरकार के पास अभी एलआईसी की 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। एलआईसी इससे पहले 2022 में शेयर बाजार में उतरी थी। तब एलआईसी ने आईपीओ के जरिए 3.5 फीसदी शेयर बेचकर करीब 21000 करोड़ कमाए थे।

ministry of finance

 

अखबार को सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी का भाग एकमुश्त की जगह टुकड़ों में बेचा जा सकता है। इसके लिए शेयर बाजार का हाल ठीक होना चाहिए। मिंट ने एक सूत्र के हवाले से खबर में बताया है कि अपनी हिस्सेदारी बेचकर सरकार स्टॉक वैल्यू में एलआईसी को अग्रणी रखना चाहती है। इससे एलआईसी का मार्केट कैपिटल भी बढ़ेगा। हालांकि, हिस्सेदारी बेचने का बाजार पर भी असर होगा। सूत्र के हवाले से अखबार ने बताया है कि केंद्र सरकार एकमुश्त की जगह 2 टुकड़े में एलआईसी की अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। ताकि शेयर बाजार के बेहतर प्रदर्शन करने पर बीमा कंपनी को ज्यादा निवेश मिल सके। सूत्र ने बताया कि शेयर बाजार की हालत न सुधरने पर केंद्र सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने में देरी भी कर सकती है।

वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग यानी दीपम ने  कई सरकारी बैंकों और एलआईसी समेत अन्य वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी बेचने के लिए हाल ही में मर्चेंट बैंकर्स और कानूनी सलाहकारों से निविदा मांगी है। दीपम के मुताबिक ये हिस्सेदारी अगले 3 साल में बेची जाएगी। अगर एलआईसी के शेयर की बात करें, तो ये 750 रुपए के करीब चल रहा है। एलआईसी का मार्केट कैप 4.8 खरब रुपए है। अगर केंद्र सरकार 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचती है, तो इससे एलआईसी को 9500 करोड़ से 14500 करोड़ तक मिल सकते हैं। सेबी ने पहले मई 2024 तक एलआईसी में 10 फीसदी निजी निवेश की समयसीमा तय की थी। बाद में इसे 16 मई 2027 तक बढ़ाया गया।