
नई दिल्ली। देश में एक तरफ सरकारें गरीब तबकों के लोगों से लेकर महिलाओं और स्टूडेंट्स के लिए तमाम सारी मुफ्त की योजनाएं चला रही हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन योजनाओं के पक्ष में नहीं है। ऐसी ही कुछ राय रखते हैं इंफोसिस के सह संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति। उनका मानना है कि देश में गरीबी मुफ्त की योजनाएं शुरू करने से दूर नहीं होगी बल्कि इसके लिए रोजगार के नए अवसर तलाशने होंगे। रोजगार सृजन से ही गरीबी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा, मुफ्त उपहार देकर गरीबी का समाधान आज तक कोई भी देश नहीं कर सका है।
बिजनेस सेक्टर से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नारायणमूर्ति ने उद्यमियों से नई कंपनियां शुरू करने तथा कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर हर बिजनेसमैन अपने आइडिया और इनोवेशन को धरातल पर उतारकर काम करे तो इससे बड़ी संख्या में नई नौकरियां पैदा होंगी और इसी तरह गरीबी की समस्या का समाधान हो सकता है। नारायणमूति बोले, धूप वाली सुबह की ओस की तरह गरीबी भी गायब हो सकती है लेकिन उसके लिए हमें नवोन्मेषी उद्यम बनाने में सक्षम होना पड़ेगा।
नारायणमूर्ति ने मुफ्त की योजनाओं को लागू करने के बाद उससे होने वाले लाभ का आकलन करने का भी सुझाव दिया। इसके लिए उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे सरकार 200 यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त दे रही है तो ऐसे राज्य में कम से कम छह महीने के बाद यह सर्वे कराया जाना चाहिए कि वहां बच्चे अधिक पढ़ रहे हैं या नहीं क्योंकि शिक्षित होना अतिआवश्यक है। शिक्षा के बल पर ही समाज को आगे लाया जा सकता है। इस तरह से पता लगाना चाहिए कि मुफ्त की योजनाओं जो सरकार चला रही है उसका समाज में पॉजिटिव प्रभाव क्या पड़ रहा है।